अब से कुछ देर पहले उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल रेंज स्थित चमोली जिलांतर्गत, जोशीमठ डैम के ढहने से भारी तबाही की आशंकाएं प्रबल हो उठी है. राज्य में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है. गंगा किनारे बसे गांवो और शहरों में हाई अलर्ट. SP देहरादून के मुताबिक, मीटिंग बुलाई है. आपदा से निपटने की सभी तैयारियाँ की जा रही हैं.देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत के मुताबिक, ऊपर ( जहां घटना हुई) वहां हुई तबाही की सही जानकारी नीचे (देहरादून) अभी तक नहीं मिल सकी है. हम घटना की जानकारी मिलते ही अलर्ट हैं. ऋषिकेश चूंकि गंगा के बीचो-बीच मौजूद है. लिहाजा मैंने वहां की पुलिस को अलर्ट रहने को कहा है. ताकि अगर पानी का तेज प्रवाह कहीं किसी तरह से, ऋषिकेश को छुए भी तो, आपात स्थिति में हम जरुरतमंदों की मदद कर पाने की हालत में हों.एसएसपी ने कहा, “खबर परेशान करने वाली है. मगर पुलिस और आपदा प्रबंधन बलों को मुसीबत की इस घड़ी में संयम और समझदारी से काम लेना होगा. इसके लिए देहरादून पुलिस ने सभी एहतियाती इंतजाम शुरु कर दिये हैं.” एसएसपी ने घटना की पुष्टि करते हुएCIN से विशेष बातचीत में कहा, “घटना चमोली जिले में हुई है. वहां ग्लेशियर फटा है. जिससे ऋषिगंगा नदी में बेतहाशा गति से पानी पहुंच रहा है. इससे गंगा नदी का जलस्तर भी अचानक बहुत ज्यादा बढ़ना तय है. पानी कहां तक कितने किलोमीटर तक बढ़ेगा? इसका अंदाजा फिलहाल लगा पाना मुश्किल है. हां, पानी का बहाव बहुत तेज है.”देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक,. “मैंने जिले के सभी आपदा केंद्रों को अलर्ट कर दिया है. टीमें संभावित गंतव्यों की ओर रवाना हो चुकी हैं. ऋषिकेश क्षेत्र में भी गंगा में जल स्तर अचानक बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है. इंस्पेक्टर कोतवाली ऋषिकेश के जरिये ऋषिकेश और त्रिवेणी घाट परिसर में भी अलर्ट घोषित करवा दिया है. ताकि गंगा के किनारे रह रहे लोगों को सावधान किया जा सके. कुछ लोगों ने एहतियातन कदम खुद ही उठाने शुरु कर दिये हैं. ताकि जलस्तर बढ़ने पर भगदड़ की सी स्थिति पैदा न हो. लाउडस्पीकरों से पुलिस लगातार ऋषिकेश के लोगों को अलर्ट कर रही है. घबराने की जरुरत नहीं है. वक्त रहते सावधान होकर एहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता जरुर है.”एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने आगे कहा, “गंगा किनारे मौजूद आबादी वाले कई स्थानों को पुलिस भी खाली करवा रही है. कई स्थानों पर से लोगों ने खुद ही वक्त रहते हटना शुरु कर दिया है.” एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा, “घटना गंभीर है. हालात कुछ भी हो सकते हैं. फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है कि, ऊपर (घटना जहां घटी) क्या हालात है. हां, जो खबरें आ रही हैं, उनसे इस घटना को हल्के में तो कतई लेने की भूल नहीं कर सकते हैं.”उल्लेखनीय है कि, अब से कुछ घंटे पहले ही जोशीमठ तपोवन धौलीगंगा में ग्लेशियर टूट गया था. इससे अलकनंदा नदी में भी अचानक बेतहाशा जलस्तर बढ़ गया. ऐसे में गंगा में बढ़ते प्रलंयकारी जल की विनाशकारी धारा किधर, कहां तक पहुंच कर कितनी तबाही मचायेगी? या फिर कब तक सामान्य हो पायेगी? इसका अंदाजा हाल-फिलहाल उत्तराखण्ड राज्य सरकार को भी नहीं लग पा रहा है. फिलहाल राज्य और आपदा प्रबंधन टीमों ने गंगा के किनारे रहने वालों को वहां से तुरंत हटने के लिए बोल दिया है.
निखिल दुबे की रिपोर्ट.