संस्कृति मंत्रालय की ओर से तीन दिवसीय की शुरुआत कालिदास रंगालय में हुई,मुख्य भूमिका में नजर आयी celebrity लड्डो बानी पटेल की मम्मी (रागिनी पटेल).इस कार्यक्रम का उदघाटन विशेष सचिव, गृह विभाग श्री विकास वैभव मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने बिहार की समृद्ध, संस्कृति, परंपरा एवं महत्व पर प्रकाश डाला इस मौके पर नगर सभापति,नगर परिषद, फुलवारी के मो. आफताब आलम ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवध्दन के लिए भावी पीढ़ी को अपनी लोक संस्कृति की परंपरा को बचाए रखने पर बल दिया।बिहार आर्ट थियेटर के महासचिव कुमार अभिषेक रंजन ने कहा कि नाटक की परंपरा की शुरुआत मूलत: ग्रामीण संस्कारों और रीति-रिवाजों से हुई पर भी प्रकाश डाला।
मंच के सचिव महेश चौधरी ने अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर किया। इस अवसर पर संयुक्त रूप से स्मारिका का विमोचन किया गया। मंच संचालन आकाशवाणी दरभंगा के शंकर कैमुरी द्वारा किया गया और कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन मंच के अध्यक्ष विजय कुमार सिंह द्वारा किया।
नाटक का शुरुआत गणेश वंदना- एकदंताय वक्रतुंडाय गौरी तनयाय धीमहि….. गीत के साथ नृत्य में- मोनिका राज, श्रुति, साक्षी, मुस्कान,अमन,आर्यन, अंजलि एवं अनुष्का ने पेश की।
नाटक- मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित ‘बड़े घर की बेटी’ का नाट्य रूपांतरण, परिकल्पना व निर्देशन महेश चौधरी के द्वारा की गई।
कथासार- अमीर घराने की लड़की आनंदी की शादी एक मध्यवर्गीय परिवार श्री कंठ के साथ कर दी जाती है वह अपने आप को उसी परिवार में पूरी तरह ढाल लेती है। एक दिन उसका देवर लाल बिहारी दो चिड़िया मार कर लाता है और उसे बनाने के लिए कहता है। आनंदी मांस में पावभर की डाल देती है। घी खत्म होने के कारण दाल में डालने के लिए नहीं बचता है। इस पर लाल बिहारी नाराज होकर उसे खड़ाऊं से मार कर अपमानित करता है और उसके मायके के बारे में भी भला-बुरा कहता है। आनंदी के पति को घर आने पर दोनों भाइयों के बीच बात बढ़ जाती है। इस पर छोटा भाई लाल बिहारी घर छोड़कर जाने लगता है लेकिन अपने घर की इज्जत को बचाती है और अपने पति के घर को टूटने नहीं देती है जो आज की समाज के लिए बहुत जरूरी है।इस तरह की संस्कारी बहू अपनी स्वविवेक से बिगड़ती हुई बात भी बना लेती हैं।
पात्र परिचय- अशोक कुमार श्रीवास्तव- माधव सिंह, दिलीप देशवासी-भूप सिंह, प्रकाश कुमार- श्रीकंठ सिंह, रोहन राज- लाल बिहारी , रागिनी पटेल- आनंदी, पायल- सास, श्रुति- काकी, अनुष्का- बहन, अमन-काका, प्रमोद, करण, नमन, यश और रोहित सदस्य बाल कलाकार- लाडो बानी पटेल।
मंच परे- वीरेंद्र पासवान- हारमोनियम गायन, मोनिका राज- गायन एवं सूत्रधार, सौरभ राज- ऑर्गन, सचिन कुमार,सुधीर कुमार- मंच सहायक,उपेंद्र कुमार- साउंड,राजकुमार शर्मा- लाइट,कामेश्वर प्रसाद- नगाड़ा सुनील- नाल, प्रकाशमणि-खंजरी मो. एजाज- छायाकार एवं एस. कृष्णन नायडू- मंच सहायक, आर्यन-सामग्री प्रबंधन।सभी कलाकारों को अवार्ड से सम्मानित किया गया।
संजय राय की रिपोर्ट.