राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी कि तभी प्रधानमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि जब देश में सुधार होते हैं तो उसका विरोध होता है। उन्होंने आगे कहा कि जब देश में हरित क्रांति आई थी उस समय भी कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों का विरोध हुआ था।
प्रधानमंत्री यहीं नहीं रूके… आगे उन्होंने कहा कि इतना बड़ा देश है और जब भी कोई नई चीज आती है तो थोड़ा बहुत असमंजस होता है हालांकि असमंजस की भी स्थिति थोड़ी देर ही होती है।
बता दें कि इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर अपने खास अंदाज में पलटवार भी किया। तृणमूल के सांसद डेरक ओ ब्रायन हों या कांग्रेस सांसद बाजवा दोनों को ऐसे घेरा कि खुद दोनों मुस्कुरा पड़े। वहीं, गुलाम नबी आजाद को लेकर कांग्रेस के जी-23 पर भी काफी तंज कसा गया।
बताते चलें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह कहा कि – “सदन में जिस तरह चर्चा हुई…और मैं सच बताता हूं, चर्चा का स्तर भी अच्छा था…वातावरण भी अच्छा था। यह ठीक है…इससे कितने लाभ होते हैं। मुझपर भी कितना हमला हुआ है…हर प्रकार से जो भी कहा जा सकता था, कहा गया है। लेकिन मुझे बहुत आनंद हुआ कि मैं कम से कम आपके किसी काम तो आया। देखिए आपके मन में एक तो कोरोना के कारण ज्यादा आना-जाना नहीं होता होगा…फंसे रहते होंगे…और घर में भी किच-किच चलती होगी। अब इतना गुस्सा यहां निकाल दिया तो आपका मन कितना हल्का हो गया है। आप घर के अंदर कितनी खुशी चैन से समय बिताते होंगे तो ये जो आनंद आपको मिला है…इसके लिए मैं काम आया ये भी मैं अपना सौभाग्य मानता हूं। मैं चाहूंगा ये आनंद लगातार लेते रहिए। चर्चा करते रहिए…लगातार चर्चा करते रहिए…सदन को जीवंत बनाए रखिए…मोदी है मौका लीजिए…बहुत बहुत धन्यवाद।
प्रिया सिन्हा, सब एडिटर