सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी), पटना ने आज “केंद्रीय बजट 2021-22” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया।वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए पीआईबी के अपर महानिदेशक एस.के. मालवीय ने कहा कि वर्ष 2020 की तमाम चुनौतियों के बीच यह एक ऐतिहासिक बजट है, जो पूरी तरह स्वागत योग्य है। निस्संदेह यह एक अच्छा बजट साबित होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट में, खास तौर पर सोशल सेक्टर को अत्यधिक महत्व दिया गया है। एमएसएमई, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिस पर केंद्रीय बजट में विशेष तौर पर ध्यान दिया गया है।वेबिनार में विषय प्रवेश संबोधन के दौरान पीआईबी के निदेशक दिनेश कुमार ने कहा कि हर देश का एक आर्थिक पर्यावरण होता है और उसी आर्थिक पर्यावरण को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए सरकार अपने बजट के माध्यम से प्रयास करती है।यह बजट देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी पहलूओं को छूता है। उन्होंने कहा कि यह बजट कई मायनों में नई दिशा और दशा को इंगित करता है। ऐसा पहली बार हुआ है जब बजट को डिजिटल रूप में पेश किया गया है।वेबिनार को संबोधित करते हुए बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पी.के.अग्रवाल ने कहा कि 2021-22 के बजट में आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य एवं सेहत पर अधिक फोकस किया गया है। यह एक स्वागत योग्य बजट है। यह विकास को गति देने और आधारभूत संरचना को बनाने वाला बजट है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बजट को केवल नई ट्रेनों के परिचालन, नए स्टेशनों के निर्माण आदि तक ही सीमित समझा जाता था। लेकिन बीते कुछ वर्षों से देखने को मिल रहा है कि अब स्वास्थ्य, सेहत और शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।वेबिनार को संबोधित करते हुए बिहार उद्योग संघ के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि कोविड19 के काल में आया यह एक ऐतिहासिक और कुल मिलाकर स्वागत योग्य कहा जाने वाला बजट है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में बिहार को कुछ ना कुछ स्पेशल पैकेज दिया जाना चाहिए था। बिहार एक पिछड़ा राज्य है और उसे आगे ले जाने की जिम्मेदारी राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने में केंद्र का हस्तक्षेप बेहद जरूरी है।वेबिनार को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सहारा के पूर्व वरिष्ठ समूह संपादक ओमकारेश्वर पांडे ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में आए इस बजट को एक अलग बजट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि इसे सरकार के पूर्व बजटों के विस्तार के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में मध्यमवर्ग के लिए कुछ खास प्रावधान नहीं किए गए हैं, लेकिन चूंकि बजट में प्रयासों की दिशा सही है, इसलिए मैं इस बजट का स्वागत करता हूं।नई दिल्ली से वेबिनार में जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट रितेश आनंद ने कहा कि यह बजट स्वागत योग्य है। उन्होंने बजट की सकारात्मकता पर बात करते हुए कहा कि टैक्स होली-डे को 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिए जाने से स्टार्टअप में लोगों को फायदा मिलेगा। वहीं छोटी कंपनियों की परिभाषा में बदलाव करने से बिज़नेस वर्ग को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि कॉटन और सिल्क पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दिए जाने से देश के एमएसएमई सेक्टर को फायदा मिलेगा और साथ ही आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को बल मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में बिहार को स्पेशल बेनिफिट दिया जाना चाहिए था।वेबिनार का संचालन करते हुए पीआईबी के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि बजट आम और ख़ास सभी को प्रभावित करता है। सरकार बजट के जरिये व्यक्ति, परिवार और समाज को बेहतर जीवन और विकसित माहौल देने की कोशिश करती है। इस लिहाज से सरकार के लिए भी बजट बहुत अहम् होता है। बजट देश के विकास की नब्ज को टटोलती है और विकासगाथा लिखती है।वेबिनार में धन्यवाद ज्ञापन फील्ड आउटरीच ब्यूरो, छपरा के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा ने किया। वेबिनार में रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी), पटना के निदेशक विजय कुमार; आरओबी, ओडिशा के निदेशक, अखिल कुमार मिश्रा; बिहार स्थित सभी एफओबी एवं आरओबी के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित आमजन मौजूद थे।