लखनऊ, [सौरभ निगम] : यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से दो पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश समेत देश भर में सीरियल ब्लास्ट की बहुत बड़ी साजिश नाकाम हुई है। यूपी की राजधानी लखनऊ से यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दो लोगों को विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया है। ये दोनों लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हैं।
एसटीएफ का दावा है कि हिंदू संगठन के नेता इन दोनों लोगों के निशाने पर थे। एसटीएफ ने कहा है कि गिरफ्तारी के दौरान इन लोगों से भारी मात्रा में विस्फोटक और दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरफ्तार पीएफआई सदस्य वसंत पंचमी पर हिंदूवादी संगठनों के बड़े नेताओं को निशाना बनाना चाहते थे। इसके लिए पीएफआई से कई लोगों को जोड़ रहे थे। हालांकि पीएफआई ने पुलिस के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि पकड़े के गए पीएफआई के दो सदस्यों के आने की एसटीएफ को पहले ही सूचना मिल गई थी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दोनों संदिग्धों का मकसद लखनऊ में कुछ सदस्यों को विस्फोटक सामान बांटना था। एडीजी ने बताया पूछताछ के बाद संदेह के घेरे में आए कुछ युवकों के बारे में छानबीन की जा रही है। उन्होंने बताया कि दोनों के पहले 11 फरवरी को ट्रेन से लखनऊ आने की सूचना मिली थी, तब एसटीएफ ने घेराबंदी भी की थी।
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया है कि इन दोनों लोगों के पास से 16 विस्फोटक, एक पिस्टल, सात ज़िंदा कारतूस, 4800 रुपये नगद समेत कई चीजें मिली हैं। उन्होंने बताया कि पिछले लगभग 1 साल में इस संगठन के 123 लोगों को हमने गिरफ़्तार किया है। गिरफ्तार हुए दोनों लोगों के नाम अंसाद बदरुद्दीन और फिरोज खान हैं, जो केरल के रहने वाले हैं।
दोनों की गिरफ्तारी के बाद यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बता दें कि पीएफआई का नाम यूपी के हाथरस की जातीय हिंसा में भी सामने आया था। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल हुई हिंसा के तार भी पीएफआई से जुड़े थे।