सौरभ निगम की रिपोर्ट /उत्तर प्रदेश के बजट 2021-22 में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के उत्थान हेतु कुछ खास नही।उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री द्वारा आज पेश किये गये बजट में कृषि, महिलाओं, श्रमिको, अवस्थापना सुविधाओं जैसे रोड, एयरपोर्ट, चिकित्सा, नगर विकास, शिक्षा एवं सामाजिक गतिविधियों के लिये तो बजट का प्रावधान संतोषजनक किया गया है परन्तु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिये बजट में अपेक्षाकृत कुछ ख़ास प्रावधान नही दिखाई दिया।उत्तर प्रदेश स्टेट स्पिनिंग कंपनी की बंद पड़ी कताई मिलों की परिसंपत्तियों को पुनर्जीवित कर पीपीपी मोड में औद्योगिक पार्क/आस्थान/क्लस्टर स्थापित कराए जाने का निर्णय निश्चित रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए राहत का प्रावधान है इससे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा अवश्य मिलेगा जिसके लिए सरकार द्वारा 100 करोड़ की व्यवस्था की जाएगी। ओ0डी0ओ0पी0 योजना के लिये 250 करोड़ रूपये भी सराहनीय कदम है उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा |आईआईए के राष्ट्रिय अध्यक्ष आईआईए श्री पंकज कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एवं रोजगार सृजन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का कृषि क्षेत्र के बाद सबसे बड़ा योगदान है। उपरोक्त घोषणाओं द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया | परन्तु COVID की दशा को देखते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की अपेक्षाएं सरकार से और अधिक बढ़ गयी थी जिसे इस बजट द्वारा संतुष्ट नही किया जा सका | उत्तर प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए इस बजट में सुविधाए पर्याप्त नहीं है |उ0प्र0 में स्थित लगभग सभी औद्योगिक आस्थानों में अवस्थापना सुविधाओं का बहुत आभाव है। आई0आई0ए0 को अपेक्षा थी कि इस बजट में औद्योगिक क्षेत्रो में इन अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर करने के लिये बजट प्रावधान किया जायेगा। आज समय यह है कि एक नक्शा ऑनलाइन पास कराने हेतु उद्यमियों अनेक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है अधिकारिक स्तर पर mechanism को स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा ease of doing business की मंशा ही विपरीत सिद्ध होगी |सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु technical upgradation क्वालिटी, प्रोडक्टिविटी तथा टेस्टिंग की सुविधाएँ प्रदान करना भी अति आवश्यक है इसके लिये भी हमारी अपेक्षा थी कि बजट में कुछ प्रावधान अवश्य किये जायेंगे जो नही हुए।सौर उर्जा के लक्ष्यों का तो जिक्र बजट में किया गया परन्तु घरेलू उपयोग के अतिरिक्त रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट लगाने के लिए अन्य उपभोक्तओं के लिए भी प्रोत्साहन धन राशि की आवश्यकता है जिसका प्रावधान बजट में होना चाहिए था।विगत वर्षो की तुलना में उ0प्र0 का कुल बजट सबसे अधिक 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ है ।उत्तर प्रदेश अपने आप में एक्सपोर्ट का हब है परन्तु एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने हेतु भी कोई प्रावधान बजट में नही शामिल किया गया | साथ ही साथ UP Defence corridor उत्तर प्रदेश के विकास का चिन्ह होते हुए भी बजट में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया | डिफेन्स प्रोडक्शन में UP के आगे बढ़ने की अपार सम्भावनाये है सरकार को इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है |राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष आईआईए श्री मनमोहन अग्रवाल ने कहा कि MSME के लिए कोई ख़ास प्रावधान नही है | नई इकाइयों को स्थापित करने के 1000 दिन तक कोई NOC पहले लेने की आवश्यकता नहीं है यह एक अच्छा कदम है | परन्तु यह प्रावधान मौजूदा इकाइयों के लिए भी होना चाहिए | नये इंडस्ट्रियल एरिया डेवेलप करने तथा मौजूदा इंडस्ट्रियल एरिया के विकास के लिए भी इस बजट में कुछ नही है | एक्सपोर्ट के लिए भी बजट पप्रावधान की अपेक्षा थी जो पूरी नही हुई |भारत सरकार की तर्ज पर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर देना स्वागत योग्य है परन्तु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की मूलभूत आवश्यकताओं के प्रावधानों का न होना सभी के लिए निराशाजनक भी है।