प्रियंका निगम की रिपोर्ट /देश में वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को आसान बनाने, पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ आज देशभर के व्यापारी भारत बंद करेंगे. कंफेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से बुलाए गए इस भारत बंद को अब ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन का भी समर्थन मिल गया है. साथ ही कुछ अन्य संगठनों ने भी व्यापारियों के इस भारत बंद का समर्थन किया है.ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कैट का समर्थन कर आज ही चक्का जाम का ऐलान किया है. लिहाजा, आज सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे. दावा किया जा रहा है कि इसमें 8 करोड़ छोटे कारोबारी, करीब 1 करोड़ ट्रांसपोर्टर, लघु उद्योग और महिला उद्यमी शामिल होंगी.फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल ने गुरुवार को कहा कि वह कैट के भारत बंद का समर्थन नहीं कर रहा है. फैम का कहना है कि व्यापार मंडल दुकान बंद या भारत बंद जैसी विचारधारा से दूर रहता है. हालांकि, फैम ये मानता है कि जीएसटी में सुधार की जरूरत है, लेकिन इसके लिए बातचीत का रास्ता अपनाया जाना चाहिए. उसका कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में अर्थव्यवस्था नाजुक दौर में है. ऐसे में जिम्मेदार नागरिक के नाते व्यापारियों को फिलहाल आंदोलन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. फैम ने बताया कि उसने 22 फरवरी 2021 को 200 जिलाधिकारियों के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी को जीएसटी में सुधार का आग्रह किया है.कैट ने बताया है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से जीएसटी के कठोर प्रावधानों को खत्म करने की मांग को लेकर आज देशभर में 1500 जगहों पर धरना दिया जाएगा.देश भर के सभी बाजार बंद रहेंगे और सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में धरना प्रदर्शन होगा. सभी राज्य स्तरीय-परिवहन संघों ने भारत सरकार की ओर से पेश किए गए नए ई-वे बिल कानूनों के विरोध में कैट का समर्थन किया है.ट्रांसपोर्ट कार्यालयों को इस दौरान पूरी तरह बंद रखने की घोषणा की गई है. किसी भी प्रकार की माल की बुकिंग, डिलिवरी, लदाई/उतराई बंद रहेगी. सभी परिवहन कंपनियों को विरोध के लिए सुबह 6 से शाम 8 बजे के बीच अपने वाहन पार्क करने को कहा गया है.ट्रांसपोर्ट सेक्टर के अलावा बड़ी संख्या में व्यापारिक संगठनों ने भी व्यापार बंद का समर्थन किया है. इसमें ऑल इंडिया एफएमसीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन, फेडेरेशन ऑफ एल्युमिनियम यूटेंसिल्स मैन्यूफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन, नॉर्थ इंडिया स्पाईसिस ट्रेडर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया वूमेंन एंटेरप्रैन्योर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कंप्यूटर डीलर एसोसिएशन, ऑल इंडिया कॉस्मेटिक मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन शामिल हैं.भारत बंद को संयुक्त किसान मोर्चा ने भी समर्थन दिया है. किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसानों से अपील की है कि वह ट्रांसपोर्टर्स और ट्रेड यूनियन की तरफ से किए जा रहे भारत बंद में शामिल हों.चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन और टैक्स एडवोकेट्स के ऑफिस भी बंद रहेंगे. हॉकरों के राष्ट्रीय संगठन हॉकर्स संयुक्त कार्रवाई समिति ने भी बंद का समर्थन किया है.कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है. कैट का दावा है कि भारत व्यापार बंद में 40,000 से अधिक व्यापारिक संगठनों के आठ करोड़ व्यापारी शामिल होंगे. वहीं कुछ अन्य व्यापारी संगठनों ने कहा कि वे बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं.अन्य व्यापारी संगठनों मसलन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल और भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने कहा कि वे बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं. कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि सभी राज्यों के 1,500 बड़े और छोटे संगठन जीएसटी संशोधन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं मसलन दवा की दुकानों, दूध और सब्जी की दुकानों को बंद से बाहर रखा गया है.फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव वीके बंसल ने कहा कि कुछ मांगों के समर्थन में हम दुकानें बंद करने के पक्ष में नहीं हैं. हालांकि, हमारा मानना है कि पिछले 43 माह के दौरान जीएसटी अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है.