पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान के साथ ही हर किसी की निगाहें पश्चिम बंगाल पर टिक गई हैं. माना जा रहा है कि इस बार यहां तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच आर-पार की लड़ाई है, जबकि कांग्रेस और लेफ्ट इस जंग में पीछे दिख रही है. वैसे तो बंगाल की लगभग हर सीट पर ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर होगी, लेकिन कहा जा रहा है कि जीत और हार का असली फैसला दक्षिण बंगाल में हो सकता है. विधानसभा की 294 में से 218 सीटें इसी इलाके में है.दक्षिण बंगाल में आने वाले इलाके हैं- बीरभूम पूर्व, बीरभूम पश्चिम, हुगली, हावड़ा पश्चिम और पूर्व, मिदनापुर, बांकुरा, पुरुलिया, नादिया नॉर्थ और साउथ, 24 परगना और कोलकाता. इन क्षत्रों में मुस्लिम और हिंदी बोलने वाले हिंदुओं की संख्या काफी ज्यादा है. इसके अलावा यहां बंगाल के मिडिल क्लास के लोग भी बड़ी तादाद में रहते हैं. बीजेपी की इन इलाकों के वोटरों पर खास नजर है.ममता को झटका, पिछले 4 महीनों के दौरान बंगाल की राजनीतिक तस्वीर तेजी से बदली है. ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है. टीएमसी के 3 मंत्री और 14 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है, जबकि कई मंत्री अब भी पार्टी छोड़ने की धमकी दे रहे हैं. जिन मंत्रियों ने पार्टी छोड़ी है, उनमें सबसे बड़ा नाम परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी हैं. इसके अलावा राजीब बनर्जी, सोवन चटर्जी, सब्यसाची दत्ता और सुनील मंडल जैसे बड़े नाम हैं.ममता के सहारे TMC, पार्टी में बड़े तोड़फोड़ के बावजूद टीएमसी को उम्मीद है कि जब तक ममता बनर्जी है तब तक उनके वोटरों को उनसे कोई छीन नहीं सकता. साल 2011 से बंगाल की कमान ममता के हाथों में है. पार्टी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि ममता वोटरों के सीधे सम्पर्क में है. इस बीच ममता ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वो इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ेंगी. इस बार वो दक्षिण कोलकाता में भोवानीपोर के अलवा नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. बता दे कि नंदीग्राम, हुगली और सिंगरुर का बंगाल की राजनीति में बेहद खास स्थान है. साल 2011 में ममता ने इन्हीं इलाकों में आंदोलन के बाद 34 साल बाद लेफ्ट की सरकार को उखाड़ फेंका था.दांंव पर बीजेपी की साख, बंगाल को जीतने के लिए हाल के दिनों में बीजेपी ने पूरी ताकत झौंक दी है. वैसे तो बीजेपी ने यहां अब तक किसी सीएम उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. लेकिन पार्टी के कई नेता बंगाल का लगातार दौरा कर रहे हैं. नेताओं की इस फौज में टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए दिलीप घोष , केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो जैसे स्थानीय नेता हैं. इसके अलवा कैलाश विजयवर्गीय वहां लगातार जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं. पिछले 6 महीने के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और फिर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा हर किसी ने बंगाल का लगातार दौरा किया है.
उमर फारूक की रिपोर्ट.