हरिद्वार से निखिल दुबे की ग्राउंड रिपोर्ट /महाकुंभ 2021 की शुरुआत हो चुकी है। महाकुंभ कुंभ मेले में कई चीजें देखने को मिलती है जिनमें ललाट पर त्रिपुंड, शरीर में भस्म लगाए नागा साधुओं का हठ योग हो, साधना, विद्वानों के प्रवचन, अखांड़ों के लंगर, अध्यात्म और धर्म पर चर्चा शामिल होते हैं। नागा साधु की शोभायात्रा देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा.कुंभ मेले का महत्व हिंदू धर्म में बेहद अहम होता है। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं। महाशिवरात्रि पर भक्त, साधु, संत और साधु गंगा स्नान करने का इंताजर कर रहे हैं। हिंदू धर्म में कुंभ स्नान का महत्व बेहद विशेष बताया गया है। शाही स्नान के मध्य नजर साधु संतों द्वारा हरिद्वार शहर में भव्य शोभायात्रा निकाला जा रहा है बता दे इस शोभायात्रा में उत्तराखंड पुलिस हरिद्वार एसडीएम बीएसएफ के जवानों की मौजूदगी में शोभायात्रा शहर में निकाली जा रही है इसमें पुलिस की मौजूदगी अहम है बता दे,मान्यता है कि अगर व्यक्ति कुंभ स्नान करता है तो उसके सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में पितृ का बहुत महत्व है। ऐसे में कहा जाता है कि अगर कुंभ स्नान किया जाए तो इससे पितृ भी शांत हो जाते हैं। इससे व्यक्ति पर आशीर्वाद बना रहता है।हिंदू पंचांग के अनुसार, 11 मार्च को महाशिवरात्रि है और इस दिन हरिद्वार में पहला शाही स्नान होगा। इसके बाद दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को, तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल और फिर चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को होगा। हालांकि, इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए यहां पर आने वाले हर श्रद्धालु को नियमों का पालन करना होगा।कड़ी सुरक्षा के बीच नागा साधुओं ने शोभायात्रा निकाली.