कौशलेन्द्र पाराशर की विशेष रिपोर्ट /पश्चिम बंगाल रैली में-राजनीतिक जीवन में मुझे सैकड़ों रैलियों को संबोधित करने का सौभाग्य मिला है लेकिन इतने लंबे कार्यकाल में इतने विशाल जनसमूह के आर्शीवाद का दृश्य मुझे आज देखने को मिला है।इस ग्राउंड(ब्रिगेड परेड ग्राउंड) ने अनेक देशभक्तों को देखा है लेकिन ये ग्राउंड बंगाल के विकास में रोड़ा अटकाने वालों का भी गवाह रहा है, बंगाल की भूमि को 24 घंटे बंद और हड़ताल में झोंक देने वालों की नीतियां और साजिश भी इस ग्राउंड ने देखी हैं।बंगाल ने परिवर्तन के लिए ममता दीदी पर भरोसा किया था। लेकिन दीदी ने ये भरोसा तोड़ दिया। इन लोगों ने बंगाल का विश्वास तोड़ा। इन लोगों ने बंगाल को अपमानित किया। यहां की बहन-बेटियों पर अत्याचार किया लेकिन ये लोग बंगाल की उम्मीद कभी नहीं तोड़ पाए।इस बार के विधानसभा चुनाव में एक तरफ TMC है, लेफ्ट-कांग्रेस है, उनका बंगाल विरोधी रवैया है, और दूसरी तरफ खुद बंगाल की जनता कमर कसकर खड़ी हो गई है।आज ब्रिगेड ग्राउंड में आप लोगों की हुंकार सुनने के बाद अब किसी को कोई संदेह नहीं रह जाएगा। शायद कुछ लोगों को तो लगता होगा कि आज 2 मई आ गई है। भारत माता के आशीर्वाद से सोनार बांग्ला का संकल्प जरूर सिद्ध होकर रहेगा।अगले 5 सालों का विकास बंगाल के आने वाले 25 सालों के विकास का आधार बनेगा। 25 साल बाद देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो बंगाल फिर से पूरे देश को एक बार फिर आगे ले जाने वाला बंगाल बन जाएगा।केंद्र की हमारी सरकार ने कोलकाता की धरोहरों को संवारने के लिए अनेक प्रयास किए हैं, जब कोलकाता में विकास का डबल इंजन लग जाएगा तो वो रोड़े भी खत्म हो जाएंगे जो अभी कदम-कदम पर हमें अनुभव होते हैं।भाजपा सरकार में यहां परीक्षा से लेकर ट्रेनिंग और भर्ती प्रक्रिया में एक पारदर्शी व्यवस्था फिर से खड़ी होगी। यहां नई शिक्षा नीति पर भी बल दिया जाएगा। इंजीनियरिंग, डॉक्टर और तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई बांग्ला भाषा में हो इस पर भी जोर दिया जाएगा।वामपंथियों के विरुद्ध ममता दीदी ने पोरिवर्तन का नारा दिया था। पश्चिम बंगाल से मां, माटी, मानुष के लिए काम करने का वादा किया था। पिछले 10 साल से यहां ममता बनर्जी की सरकार है, क्या सामान्य बंगाली परिवार के जीवन में वो परिवर्तन आया जिसकी उसे अपेक्षा थी?कुछ दिन पहले जब आपने स्कूटी संभाली, तो सभी प्रार्थना कर रहे थे कि आप सकुशल रहें..अच्छा हुआ आप गिरी नहीं, नहीं तो जिस राज्य में वो स्कूटी बनी है, उस राज्य को ही अपना दुश्मन बना लेतीं।कुछ दिन पहले जब आपने स्कूटी संभाली, तो सभी प्रार्थना कर रहे थे कि आप सकुशल रहें..अच्छा हुआ आप गिरी नहीं, नहीं तो जिस राज्य में वो स्कूटी बनी है, उस राज्य को ही अपना दुश्मन बना लेतीं।जब आपकी स्कूटी भवानीपुर जाने की बजाय नंदीग्राम की तरफ मुड़ गई। दीदी, हम तो हर किसी का भला चाहते हैं, हम नहीं चाहते किसी को चोट आए। लेकिन जब स्कूटी ने नंदीग्राम में ही गिरना तय किया, तो हम क्या करें।