कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /आज मन कर रहा है कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी वालों के हाथ चूम लूंं. वजह सिर्फ एक अस्पताल का निर्माण है जिसमें कोई भी बिलिंग काउंटर नहीं होगा ..यह कोई होम्यो चिकित्साघर नहीं है बल्कि पूरा डायलिसिस ( किडनी) अस्पताल है । दिल्ली के शानदार इलाके के गुरुद्वारा सराय काले खां में बने इस अस्पताल में कई सुविधाएँ पर हैं। पर इनके लिए कोई सुविधा शुल्क नहीं लिया जाएगा। उनके खाने – रहने का इंतजाम भी फ्री होगा।
अब मुख्य बात । जब देश की तीन करोड़ की सिख आबादी इतना बड़ा काम कर सकती है तो देश की सौ करोड़ की आबादी वाले हिंदु भी यह जरूर कर सकते हैं कि हर शहर में बड़े मंदिर के साथ छोटा बड़ा अस्पताल जरूर खोलें।. और बड़े – बड़े मंदिर तो मंदिर से भव्य अस्पताल बनवाएँ जो उनकी उदारता के प्रतीक हों। ज्ञानी बंधु मुझे तिरूपति मंदिर समेत कुछ नाम गिना देंगे पर यह बड़ी शुरूआत राम मंदिर से भी होनी चाहिए चाहे उसके लिए 70 एकड़ जमीन का और अधिग्रहण हो। सिर्फ मंदिर के कर्ता धर्ता यह घोषणा कर दें , मैं भी संभव से ज्यादा योगदान देने को तैयार रहूंगा नहीं तो गुरूद्वारा कमेटी तो हैं ही.अंकु श्रीवास्तव सर के फेसबुक वॉल से रिपोर्ट.