कौशलेन्द्र पाराशर /उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद कुंभ धार्मिक जलसे के बीच राजनीतिक गर्मी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने भी इसको लेकर बयान देते हुए भाजपा सरकार को घेरा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी ने इसलिए सीएम बदलने का फैसला किया, क्योंकि त्रिवेंद्र सिंह रावत के चेहरे के साथ वो चुनाव लड़ने नहीं जा सकते थे, क्योंकि उन्होंने जनकल्याण का कोई काम नहीं किया था. बीजेपी ने स्वयं माना लिया कि उन्होंने उत्तराखंड को 4 साल एक निकम्मी सरकार दी है.कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत के इस्तीफे को भाजपा सरकार की नाकामी बताया है. उन्होंने कहा कि जो 4 साल उत्तराखंड का मुख्यमंत्री रहा उसके चेहरे से चुनाव की घबराहट छुपाने के लिए भाजपा ने चेहरा बदलने का फैसला लिया. भाजपा जब उत्तराखंड में आई है तब उन्होंने विकास विरोधी सरकार दी है. मुझे नहीं लगता है कि जो एक साल का वक्त है इसमें भाजपा कोई अच्छी सरकार देगी.इस्तीफे के बाद रावत का छलका दर्द.त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को इस्तीफा सौंपने के बाद रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि “पार्टी ने मुझे चार साल तक इस राज्य की सेवा करने का सुनहरा अवसर दिया. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा मौका मिलेगा. पार्टी ने अब निर्णय लिया है कि सीएम के रूप में सेवा करने का अवसर अब किसी और को दिया जाना चाहिए. रावत ने कहा कि ये भाजपा में ही संभव था कि मुझ जैसे छोटे से गांव से छोटे से साधारण कार्यकर्ता को इतना सम्मान दिया और चार साल तक मुझे राज्य की सेवा का मौका दिया.”रावत ने कहा कि पार्टी ने मुझ छोटे से कार्यकर्ता को राज्य के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी. अब पार्टी की इच्छा है कि चार साल बाद ये जिम्मेदारी मैं किसी और को दे दूं. इसलिए मैं अपने पद से हट गया. मैंने अपने कार्यकाल में महिलाओं, किसानों के लिए नए-नए काम किये हैं. रावत ने कहा कि हमने अपने कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण के लिए कई काम किये हैं. रावत ने कहा कि मेरे चार साल के कार्यकाल में सिर्फ नौ दिन बाकी है. इस पूरे कार्यकाल में मैंने अपनी तरफ से राज्य की भलाई के लिए कार्य किया है.