शैलेश तिवारी की रिपोर्ट /रिसर्च विभाग, बिहार काँग्रेस द्वारा आयोजित स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ संवाद में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए बिहार काँग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी श्री भक्त चरण दस जी ने कहा की नागर समाज हमेशा से एक सजग प्रहरी के रूप में राज्य के हित में, समाज के हित में निरंतर कार्य करते रहता है। बदलती परिस्थिति में आज उनकी उपयोगिता और बढ गई है, क्योंकि देश एक संकट के घड़ी से गुजर रहा है। आज यहाँ पर बिहार में कार्य करने वाले सभी छोटे बड़े स्वयंसेवी संस्थाओं ने जो सुझाव दिए वह ना सिर्फ समसामयिक है, बल्कि विपक्ष को इससे सरकार में दबाव बनाने में काफी मदद भी मिलेगी। बिहार में सरकारी ब्यवस्था एकदम से चरमरा गई है। चाहे वह स्वस्थ के क्षेत्र हो, या शिक्षा के क्षेत्र में , या फिर विकास के क्षेत्र में ,दूर दूर तक कहीं किसी को यह दिखाई नहीं देता। शराब बंदी के नाम पर प्रशासन और माफिया का गठबंधन ही मात्र नजर आता है। सरकार की अपनी विफलता के नए-नए सोपान रोज लिख रही है। इस सरकार को सत्ता में पंद्रह साल से अधिक हो गए और आज भी इनसे कुछ पूछो तो ये पंद्रह साल पुरानी बात ही दुहराएँगे। ए. पी. एम. सी. ऐक्ट को 2006 में ही इस सरकार ने खत्म करके किसानों का सत्यानाश कर दिया। बिहार के किसान बिचोलियों के हाथ की कठपुतली बना हुआ है। अगर हम इस सरकार को किसान विरोधी भी कहें तो कम ही होगा। बिहार में महिलायें एवं बच्चे सबसे अधिक कुपोषित हैं। भारत में सबसे अधिक गरीबी बिहार में है। लगभग चार करोड़ लोग यहाँ गरीब हैं, उनमें अधिकांश भूमिहीन हैं। सरकार द्वारा जो उन्हें जमीन का पट्टा दिया गया था उनमें से अधिकांश लोगों को अब तक जमीन पर दखल नहीं मिलपाय है। जल, जमीन, जंगल को लेकर सरकार की कोई तहोश नीति नहीं है।
बिहार के पुनर्निर्माण में हम स्वयंसेवी संस्थाओं का साथ चाहेंगे। आपका साथ और आपका सुझाव हमारे संघर्ष का मार्ग प्रसस्त करेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा की हम सब संघर्ष के साथी है और इस राज्य के निर्माण में हमारी महती भूमिका है। आज इस संवाद कार्यकर्म हमें बहुत ही जानकारी मिली, इसका उपयोग हम सदन में भी करेंगे । राज्य की गिरती अवस्था किसी से छिपी नहीं है, शिक्षक शिक्षक में भेद किया जा रहा है। गरीब और गरीब होतें जा रहे और आमीर और अमीर । इस खाई को पाटने के लिए हमलोगों को एक साथ काम करना पड़ेगा। हम समय समय पर आपका सुझाव लेते रहेंगे।
आतिथियों का स्वागत करते हुए रिसर्च विभाग के अध्यक्ष आनन्द माधव ने कहा कि स्वयंसेवी संस्थाएं समाज का एक मजबूत स्तम्भ है। सरकार के कार्यों के क्रियान्वयन के बीच खाइयों को यह भरनें का काम करता है, तथा जनहित में सरकार को उचित सलाह भी देता है। आपदा और विपदा के समय ये संस्थाएँ चट्टान की तरह खड़ी रहती है। जमीनी स्तर पर सीधे जनता के साथ जुड़कर ये कार्य करती है। जनता के दुख दर्द को ये ना समझती है वरन उसके लिए संघर्ष भी करती है। हम विपाक्स में है, अपने मैनिफेस्टो में उमने राज्य की समस्याओं और उसके समाधान का विस्तार से चर्चा किया। अब हम उसके क्रियनवाँ के लिए सरकार पर दबाव तो बना रहे पर साथ ही साथ आपके द्वारा दिए गए सुझाव हमको और ताकत देगा। ये संवाद हम आगे भी करते रहेंगे। हम बिहार की लड़ाई साथ साथ लड़ेंगे।
पद्मश्री सिस्टर सुधा वरगीश ने कहा की समाज में दलितों की स्तिथि बहुत ही बुरी है। सर कुछ कागज पर ही है। शराब बंदी एक माखोल है। पुलिस एफ आई आर तक दर्ज नहीं करती। इस अवसर पर स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से ऑक्सफेम इंडिया के वरिष्ट निदेशक पंकज आनन्द , एक्शन ऐड इंडिया क्षेत्रीय प्रबंध सौरभ कुमार , केयर इंडिया के संजय सुमन , राइट तो फूड रूपेश जी , स्वाभिमान महिला जागरण केंद्र की सिस्टर स्मिता परमार, दलित अधिकार मंच, पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की प्रेसीडेंट डॉ शेफाली रॉय , असंगठित कामगार संघ के विजय कान्त सिंह , पराक्सिस के अनिंदों मुखर्जी, सी 3 संदीप ओझा , गौरव ग्रामीण महिला विकास मंच की प्रतिमा कुमारी , एसोसिएशन फॉर स्टडी एक्शन अनिल कुमार राय , बिहार विकलांग अधिकार मंच, जेन्डर अलाइअन्स प्रशांति , ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजी, हेल्पेज इंडिया गिरीश मिश्र , एन ए पी एम महेंद्र यादव , सहयोग की रजनी जी, एस पी एस डी सी डॉ प्रभा कुमार , जन मोर्चा ऋत्विज , राष्ट्रीय किसान मंच, टी ई टी शिक्षक संघ अमित विक्रम , तथा कई सोशल एकटिविस्टस आदि के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार प्रकट किए।
बिहार विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा जी ने घोषणा किया की वे पटना के मुशहर टोली में अपने फंड से दस छपकल लगवाएंगे ।
बिहार काँग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष प्रो शशि प्रसाद सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सभा में प्रवक्ता राजेश राठोर, जया मिश्र राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के अध्यक्ष असफर अहमद , रिसर्च विभाग के सचिव सौरभ कुमार सिन्हा, शशि रंजंन यादव, संजय कान्त, पंकज यादव, सिद्धार्थ क्षत्रिय, मंजीत आनन्द साहू, लाल बाबू लाल आदि उपस्थित रहे।