हरिद्वार, निखिल दुबे : पंतजलि आयुर्वेद लोगों के बीच अपनी अलग जगह बना चुका है। यहां से लोग कई तरह की दवाएं और अपनी जरूरत का सामान लेते हैं। पतंजलि आयुर्वेद अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज अपना उपचार कराने पहुंचते हैं। लेकिन क्या आप यहां के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के बारे में जानते हैं? क्या आप जानते हैं कि वे कैसी लाइफ जीते हैं? तो यहां आपको बता दें कि साल 2020 तक देश के अमीर व्यक्तियों में आचार्य बालकृष्ण 18वें नंबर पर थे। तो चलिए आपको आचार्य बालकृष्ण की लाइफस्टाइल के बारे में बताते हैं।
बालकृष्ण का जन्म 4 अगस्त 1972 को हरिद्वार उत्तराखंड भारत में हुआ। इनकी माता का नाम सुमित्रा देवी और पिता का नाम जय बल्लभ है। उन्होंने संस्कृत में आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटियों के ज्ञान में निपुणता प्राप्त की और इसका प्रचार-प्रसार का कार्य करते रहे हैं। उनका जन्म दिवस पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट से जुड़े लोग ‘जड़ी-बूटी दिवस’ के रूप में मनाते हैं। आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेद केंद्र के माध्यम से पारंपरिक आयुर्वेद पद्धति को आगे बढ़ाने का कार्य किया है।
साल 1995 में आचार्य बालकृष्ण ने बाबा रामदेव के साथ मिलकर कारोबर की दुनिया में पैर रखा था और दिव्य फार्मेसी की स्थापना की थी। इसके बाद वे लगातार आगे बढ़ते गए और साल 2006 में उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना की थी। इसके बाद आचार्य बालकृष्ण ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बाबा रामदेव के साथ मिलकर लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं। जहां पतंजलि आयुर्वेद की प्लानिंग में आचार्य बालकृष्ण अहम भूमिका निभाते हैं, तो वहीं इसमें उनकी हिस्सेदारी 98.5 फीसदी की है। यही नहीं, वे पतंजलि समूह की ओर से स्थापित किए गए पतंजलि यूनिवर्सिटी के कुलपति भी हैं। बात आचार्य बालकृष्ण की पढ़ाई की करें, तो उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा गुरुकुल से ली थी। कई मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, आचार्य बालकृष्ण ने वाराणसी के संपूर्णनंद संस्कृत विश्वविद्यालय से हाई स्कूल और ग्रेजुएशन की डिग्री ली है।
पतंजलि योगपीठ के मुख्यालय की मुख्य इमारत में बने अस्पताल की पहली मंजिल पर स्थित साधारण से दफ्तर में आचार्य बालकृष्ण काम करते हैं। उनके इस दफ्तर में बाबा रामदेव समेत कुछ अन्य तस्वीरें लगी हुई हैं।
आचार्य बालकृष्ण वैसे तो बेहद सादा जीवन जीते हैं, लेकिन उनके पास एक रेंज रोवर कार है और इसी से वो अकसर अपना सफर करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपनी इस कार को लेकर उन्होंने कहा था कि ‘बात कार की नहीं है, लेकिन ये सेफ है। आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, उन्होंने एक भी दिन अपने काम से कभी छुट्टी नहीं ली है। बात अगर आचार्य बालकृष्ण की नेट वर्थ की करें तो 2020 मे, उनके पास 46 हजार 800 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं।