कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /आखिर शरद पवार को ऐसे ही महाराष्ट्र की राजनीति का चाणक्य नहीं माना जाता, शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री के चाणक्य संजय रावत को परमवीर के लेटर बम पर घेर ही लिया, शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा परमवीर सिंह ने कमिश्नर रहते ऐसा पत्र क्यों नहीं लिखा, एक तरफ शरद पवार ने अनिल देशमुख के इस्तीफे का अधिकार उद्धव ठाकरे को दे दिया वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे के चाणक्य संजय राउत को सोचने पर मजबूर कर दिया की क्या बड़ा करवाई परमवीर सिंह पर की जाए. अगर परमवीर सिंह पर बड़ी कार्रवाई नहीं होती है मुख्यमंत्री के द्वारा, तो समझा जायेगा की ये एक चाल है एनसीपी को बदनाम करने का .अगर उधर ठाकरे को सरकार बचानी है तो परमवीर सिंह पर बड़ा करवाई कर करना ही होगा.महाराष्ट्र में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ‘लेटर बम’ की वजह उद्धव सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बीच रविवार को इस मामले पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं। पवार ने आगे कहा कि उन्होंने यह भी कहा कि चिट्ठी पर परमबीर सिंह से हस्ताक्षर नहीं हैं। वहीं, सचिन वाझे नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवालों पर शरद पवार ने कहा है कि उनकी नियुक्ति सीएम और गृह मंत्री ने नहीं की।उन्होंने कहा कि वाझे का निलंबन खत्म करने का फैसला परमबीर का था। शरद पवार सवाल करते हुए कहा है कि कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर आरोप क्यों लगा रहे हैं? उन्होंने कहा कि जांच के लिए मुख्यमंत्री के पास पूरा अधिकार है। शरव पवार ने कहा कि परम बीर सिंह की चिट्ठी में सिर्फ आरोप लगाए हैं सबूत नहीं है। यह नहीं बताया गया है कि पैसा गया कहां?