सौरभ निगम की रिपोर्ट / महाराष्ट्र एटीएस के डीआईडी शिवदीप लंडे ने रविवार को कहा कि मनसुख हिरेन की मौत का मामला सुलझा लिया गया है. मनसुख हिरेन की मौत के मामले में मुम्बई पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे और नरेश धारे समेत एक बुकी को गिरफ्तार किया गया है. हिरेन की मौत के मामले में दो आरोपियों को रविवार को अदालत में पेश किया गया. अदालत ने इन दोनों को ही 30 मार्च तक एटीएस की कस्टडी में भेज दिया है.ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की मौत की जांच शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई थी. मुंबई के एक पॉश इलाके में विस्फोटकों से भरा वाहन पाए जाने के कुछ दिनों बाद हिरेन का शव नदी किनारे पाया गया था. विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो की बरामदगी से जुड़े मामले की जांच एनआईए कर रही है और उसने सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया है. एसयूवी हिरेन का था. “मामले के संबंध में पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को शनिवार को एटीएस मुख्यालय में बुलाया गया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.” उन्होंने बताया कि शिंदे, लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी है और पिछले साल ही वह कुछ दिनों के लिए फरलो पर जेल से बाहर आया था.अधिकारी ने कहा, “राज्य एटीएस ने अब तक कई लोगों से पूछताछ की है जिनमें मृतक के परिजन और पुलिस अधिकारी शामिल हैं. इन दोनों की गिरफ्तारी इस मामले में मिली बड़ी कामयाबी है.एनआईए, विस्फोटकों की लदी कार और सचिन वाजे प्रकरण की जांच भी कर रही है.