शैलेश तिवारी, वरीय संपादक की रिपोर्ट /बिहार में पहली बार पांच महीने के बच्चे की लेप्रोस्कोपिक पाइलोप्लास्टी,महावीरे वात्सल्य अस्पताल में पेशाब की नली में रूकावट की सर्जरी,
महावीर वात्सल्य अस्पताल में पांच महीने के बच्चे की लेप्रोस्कोपिक पाइलोप्लास्टी सफलतापूर्वक की गई है। शिशु रोग सर्जन डॉ ओम पूर्वे ने बताया कि इतने कम उम्र के बच्चे की लेप्रोस्कोपिक पाइलोप्लास्टी का यह बिहार का पहला मामला है। गया से आए बच्चे के बाएं साइड की किडनी में सूजन था। इससे किडनी के कार्य करने की क्षमता आधी हो गई थी। दूरबीन विधि से रूकावट वाले हिस्से को काटकर हटा दिया गया है। आॅपरेशन के बाद बच्चा ठीक हो गया है। डॉ ओम पूर्वे के नेतृत्व में डॉ पुलक तोष, डॉ गीता कुमारी, डॉ राकेश सर्जरी में शामिल थे। डॉ पूर्वे ने बताया कि ऐसे मामलों में दो साल से कम उम्र के बच्चे की सामान्य रूप से ओपन सर्जरी होती है। आॅपरेशन में मात्र बीस हजार का खर्च आया।
उधर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में बच्चेदानी की सर्जरी दूरबीन विधि से सफलतापूर्वक की गई। 43 साल की सविता को अधिक रक्तस्राव की शिकायत थी। बच्चेदानी में फाइब्राॅयड और ओवरी में 6×6 सेमी का सिस्ट था। दूरबीन विधि द्वारा आॅपरेशन कर दोनों को हटा दिया गया। स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ अनामिका पांडेय के नेतृत्व में डॉ पुलक तोष, डॉ निवेदिता ने सर्जरी की। डॉ अनामिका पांडेय ने बताया कि रिकवरी टाइम कम होने और अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिलने के कारण दूरबीन विधि ज्यादा कारगर साबित हो रहा है। महावीर वात्सल्य अस्पताल में बन्ध्याकरण और एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का आॅपरेशन भी दूरबीन विधि से किया जा रहा है। निदेशक डाॅ एस एन सिन्हा ने बताया कि महावीर वात्सल्य अस्पताल में काफी रियायती दरों पर शिशु और स्त्री रोगों की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है। फरवरी महीने से अस्पताल में यह सुविधा शुरू हुई है।