प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट /अजान को लेकर अब झारखंड में भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, भाजपा नेता का यह कहना है कि ध्वनि प्रदूषण के लिए दिन में 5 बार लाउडस्पीकरों का उपयोग किया जाता है, जो कि नियम के सख्त विरुद्ध है। हालांकि उन्होंने अपनी बात को रखते हुए यह दावा कर दिया कि उनकी याचिका का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है और यह ध्वनि प्रदूषण की आम समस्या से निपटने के लिए ही दाखिल की गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अनुरंजन अशोक की तरफ से दाखिल की गई याचिका में यह बात कही गई है कि वर्ष 1932 से पहले तक मस्जिद से जो अजान दी जाती थी, उसमें लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं होता था। यह परंपरा बहुत बाद में शुरू की गई। लाउडस्पीकर से अजान देने का मजहब से कोई लेना-देना ही नहीं है, इसलिए लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने पर बिना देर किए रोक लगा देनी चाहिए। इससे ध्वनि प्रदूषण पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
अनुरंजन अशोक ने आगे कहा कि नियम के मुताबिक लाउडस्पीकर की आवाज 10 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन मस्जिदों में दिन में पांच बार तेज ध्वनि के साथ अजान दिया जाता है। अनुरंजन अशोक की मानें तो यह मस्जिद नियम का उल्लंघन करना हुआ। आगे वह यह कहते हैं कि पिछले साल नवंबर में इस मुद्दे को लेकर उन्होंने झारखंड सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी और ऐसे में अब उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है।
यही नहीं, अनुरंजन अशोक ने याचिका में सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करने पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे लोगों को यातायात भीड़ और अन्य मुद्दों से जूझना पड़ता है। अशोक ने अदालत में कहा कि ऐसा कोई कानून होना चाहिए जिससे किसी को परेशानी ना हो। गौरतलब है कि भाजपा नेता ने इससे पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ भी जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में जनहित याचिका दायर की थी।