प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट /पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान हो चुका है और अब इनकी नजरें दूसरे चरण पर जा टिकी हैं। बता दें कि 1 अप्रैल को बंगाल की 30 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं लेकिन प्रचार के आखिरी दिन बंगाल की सियासत में गोत्र का मुद्दा काफी जोर पकड़ने लग गया है।
यूं तो यहां टीएमसी और भाजपा में आमने-सामने का मुकाबला जारी है लेकिन यह भी देखना रोचक होगा कि कांग्रेस किस तरह से पलटवार कर सकती है। वैसे देखा जाए तो बंगाल की राजनीति गोत्र के बाद धर्म और जाति में भी उलझकर रह गई है।
सीआईएन आपको विस्तार से बताने जा रहा है कि एक अप्रैल को जिन 30 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है, उन पर 171 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य में भाजपा-टीएमसी आमने-सामने हैं, लेकिन नंदीग्राम सीट दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए नाक का सवाल बन चुकी है। यही नहीं, इसके अलावा दोनों पार्टियां जातीय और धार्मिक समीकरणों के दांव-पेच चलकर हर जतन कर रही हैं।
बताते चलें कि दूसरे चरण में बंगाल के चार जिलों की 30 सीटों पर मतदान होना है, जिनमें साउथ 24 परगना की चार, पश्चिम मेदिनीपुर की नौ, बांकुरा की आठ और पूर्व मेदिनीपुर की नौ सीटें शामिल हैं। अगर इन 30 सीटों की बात करें तो 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने इनमें से 22 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा सिर्फ एक सीट ही अपनी झोली में डाल पाई थी। लेकिन टीएमसी की दिक्कतें लोकसभा चुनाव 2019 से बढ़ीं, क्योंकि तब भाजपा ने इन 30 विधानसभा क्षेत्रों में से 18 पर बढ़त बना ली। और तो और टीएमसी सिर्फ 12 विधानसभा क्षेत्रों पर ही बढ़त बना सकी। ऐसे में दूसरे चरण का चुनाव वाकई में काफी रोचक हो गया है।
