सौरभ निगम की रिपोर्ट /मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, वाराणसी और कानपुर नगर के पुलिस कमिश्नरों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश.प्रदेश में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। जीरो टॉलरेंस हमारी नीति है। पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को लागू करने के पीछे इसी संकल्प का भाव है।लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के अच्छे परिणाम मिले हैं। अपराध पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है। इसे देखते हुए वाराणसी और कानपुर नगर में भी यह प्रणाली लागू की गई है।पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली एक बड़ा बदलाव है। लोगों को इस बदलाव का सुखद अहसास होना चाहिए। कोई जब इस क्षेत्र में प्रवेश करे तो उसे अनुभव होना चाहिए कि वह किसी विशिष्ट क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है। चारों कमिश्नरेट बेहतर पुलिसिंग के लिए मानक प्रस्तुत करें। सेफ सिटी परियोजना को प्राथमिकता दी जाए। ट्रैफिक नियंत्रण के सम्बंध में नियोजित कार्यवाही की जरूरत है।चारों पुलिस कमिश्नरेट में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण की जरूरत है। माफियाओं के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुसार पूरी सख्ती से निपटा जाए। पुलिस-माफिया गठजोड़ की एक भी शिकायत स्वीकार्य नहीं है। ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए तत्काल सिस्टम से बाहर करें। भष्टाचार पर प्रहार में कतई कोताही न करें।पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में न्यायालयीन प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण अंग है। इसे प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। यह बड़ी जिम्मेदारी है। इसीलिए कमिश्नरेट में वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की गई है। लखनऊ में इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।आमजन को पुलिस की ओर से त्वरित और प्रभावी सहायता प्राप्त हो, इसके लिए पुलिस की सक्रियता आवश्यक है। तेजी से रिस्पॉन्स करें। बाजार और रिहायशी इलाकों में भ्रमण करें। लोगों से लागातर संवाद बनाया जाए। पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। यह प्रणाली पब्लिक फ्रेंडली हो, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएं। महिलाओं की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाए। व्यापारिक संगठनों/कार्यालयों/स्कूल/कॉलेजों में संवाद बनाये रखें। कमिश्नरेट स्तर पर पुलिस अधिकारियों और अन्य कार्मिकों की जरूरत को देखते हुए यथाशीघ्र नवीन पदस्थापना की जाए। पुलिस कर्मियों की कमी किसी भी क्षेत्र में न रहे। आमजन को जरूरत पड़ने पर पुलिस की त्वरित सहायता मिल सके, इसके लिए प्रदेश में नए थानों/चौकियों की स्थापना की जा रही है। कमिश्नर गण इस संबंध यथा आवश्यक प्रस्ताव तत्काल भेजें। इस पर तत्काल निर्णय लिया जाएगा। नवगठित पुलिस कमिश्नरेटों में पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस आयुक्त, डीसीपी आदि के कार्यालय और आवासों की स्थायी व्यवस्था की जाए। स्थान तय करते समय जनता की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखें।पुलिस कमिश्नरेट के विभिन्न अधिकारियों के साथ-साथ वाराणसी ग्रामीण और कानपुर आउटर के पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और आवासों की व्यवस्था उनके क्षेत्र के भीतर ही रहे। यह जनता के लिए सुविधाजनक होगा।आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन जैसी व्यवस्था की सफलता शिकायतकर्ता की संतुष्टि के आधार पर आंकी जाएगी। शिकायतों को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ देखा जाए। पुलिस कमिश्नरेट इस मामले में एक आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं। कमिश्नरेट एरिया में फायर फाइटिंग के आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। स्थानीय विकास प्राधिकरण इस कार्य में सहयोग करें। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को प्रभावी बनाएं। वाराणसी में श्रीकाशीविश्वनाथ धाम और सारनाथ जैसे विशेष महत्व के क्षेत्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाए।