सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट /जिले में कोरोना का पहला मरीज मिलने के 382 दिन बाद मंगलवार को अब तक के सारे रिकार्ड ध्वस्त हो गए। 24 घंटे में न सिर्फ 696 नए पाजिटिव मिले, बल्कि तीन मौतें भी हुईं। पिछले वर्ष जहां सात अगस्त को सर्वाधिक 312 मरीज मिले थे, वहीं इसके 240 दिन बाद यानी चार अप्रैल 2021 को यह रिकार्ड टूटा और 394 मरीज मिले। इसके बाद हर दिन कोरोना खुद का ही रिकार्ड तोड़ता जा रहा है।पांच अप्रैल को 4637 सैंपलों की जांच में 432 तो वहीं छह अप्रैल को 3533 की जांच में 696 पाजिटिव मिले हैं। पांच को संक्रमण दर 9.31 फीसद थी, जबकि छह अप्रैल को यह 19.69 फीसद दर्ज की गई। जिले में कोरोना का पहला मरीज 21 मार्च 2020 को मिला था। अगस्त व सितंबर में क्रमश: 4742 व 5731 मरीज मिले थे। वहीं क्रमश: 90 व 92 मौतें हुईं। इसके बाद न केवल पाजिटिव मरीजों का बल्कि मौतों का भी आंकड़ा धीरे-धीरे कम हो गया। 30 जनवरी 2021 तक 377 मौतें हुईं। वहीं इसके 57 दिन बाद 28 मार्च को कोरोना से मौत हुई। मगर अप्रैल शुरू होते ही कोरोना के मामलों में जबर्दस्त उछाल आया। बीते दस दिनों में 14 लोगों की कोरोना से मौत हुई। दस मार्च 2021 तक जिले में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर जहां 50 पर सिमट गई थी, वहीं बीते छह दिन में 24999 जांच में 2178 मरीज मिलने के बाद अब सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 2376 हो गई है।कोविड-19 नियमों की लगातार अनदेखी, भीड़-भाड़ में बिना मास्क आना-जाना व हाथों को सैनिटाइज न करने का खामियाजा आज पूरा जिला भुगत रहा है। एक साल पहले वैश्विक महामारी में हम जिस मुहाने पर खड़े थे, अब फिर वहीं आ गए, बल्कि उससे भी बदतर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। होली से पहले प्रवासियों की आवक व अस्पताल से लेकर धार्मिक स्थल और बाजार-दुकानों पर मास्क लगाने में कोताही के साथ ही शारीरिक दूरी नियम का पालन न करने से अप्रैल में विस्फोटक स्थिति बनी है।