कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिखा दिया औकात. नीतीश कुमार को साफ करने की बात करने वाले चिराग पासवान खुद बिहार में हो गए साफ. विधायक राजकुमार सिंह ने ललन सिंह,विजय चौधरी की उपस्थिति में ली जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता, जेडीयू के खात्मे की भविष्यवाणी करने वाले चिराग पासवान खुद पैदल हो गये हैं। लोजपा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि बिहार में पार्टी का एक भी विधायक या विधान पार्षद नहीं रहा। बिहार के कद्दावर नेता रामविलास पासवान ने 2000 में लोजपा की नींव रखी थी। 2005 के मार्च-अप्रैल महीने में हुए चुनाव में इस पार्टी के 29 विधायक चुन कर आये थे। धीरे-धीरे यह संख्या घटती चली गई। आज स्थित यह हो गई कि चिराग पासवान के हाथ में पार्टी की कमान जाने के बाद शून्य पर सिमट गई। चिराग पासवान की कार्यप्रणाली से अँदर ही अंदर अधिकांश नेता नाराज बताये जाते हैं। बताया तो यह भी जाता है कि कई सांसद भी नाराज हैं। मंगलवार को लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार सिंह ने जेडीयू का दामन थाम लिया.विधानसभा चुनाव 2020 में बेगूसराय के मटिहानी से लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते राज कुमार सिंह बीते कई दिन से जदयू नेताओं के संपर्क में थे. मंगलवार को उन्होंने बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा कि वे विधानसभा में अपनी पार्टी का विलय जदयू में करना चाहते हैं. चूंकि राज कुमार सिंह अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं, इसलिए इसमें कोई दिक्कत नहीं आयी.सीएम नीतीश कुमार के सामने जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली. हालांकि इस बात की कयास बहुत दिनों से लगायी जा रही थी. लेकिन इसपर आधिकारिक मुहर मंगलवार को लगी. लोजपा के इकलौते विधायक का पार्टी से बगावत कर जदयू में शामिल होना चिराग पासवान के लिए एक बड़ा झटका है.