सौरभ निगम की रिपोर्ट /पंजाब सरकार और मुख्तार अंसारी की एक न चली, आखिर मुख्तार अंसारी का उत्तर प्रदेश के बांदा जिला जेल आना ही पड़ा. पंजाब सरकार और मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. आखिर समझ में नहीं आता कि पंजाब सरकार को मुख्तार अंसारी में क्या इंटरेस्ट है. लंबी लड़ाई के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से आदेश लिया और पंजाब जाकर रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को हैंडओवर लिया,पूर्वांचल का माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी देर रात बांदा जेल पहुंच गया और वह अब बांदा जेल के बैरक नंबर 15 में रहेगा. इस बैरक से अंसारी का पुराना नाता है. एक बार अंसारी जब पहले भी गिरफ्तार हुआ था तो उसे इस जेल के 15 नंबर बैरक में ही रखा गया था. जानकारी के मुताबिक बैरक नंबर-15 तन्हाई सेल है, यानी मुख़्तार के साथ कोई अन्य कैदी नहीं होगा. वहीं मुख्तार के आने से पहले इस बांदा जेल को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है. गौरतलब है कि दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर रोपड जेल के मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी पुलिस का काफिला चला था. मुख्तार को लेकर निकले काफिले में लगभग 10 गाडियां शामिल थी, जिसमें एक एम्बुलेंस भी थी.मुख्तार के बांदा जेल पहुंचने से पहले यहां एक ड्रोन कैमरा, 5 बॉडी वॉर्नकैमरे और 30 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए. इतना ही नहीं अंसारी के जेल में पहुंचने से पहले अभूतपूर्व सुरक्षा घेरे तैयार किया गया. मुख्तार के आसपास जाने वाला हर जेल कर्मी बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस रहेगा, ताकि उसके और मुख्तार के बीच हुई बातचीत और व्यवहार की रिकॉर्डिंग हो सके. जेल की निगरानी के लिए एक ड्रोन कैमरा भी लखनऊ से भेजा गया है ,वहीं मुख्तार अंसारी की बैरक और आसपास के इलाके को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है.यह सीसीटीवी कैमरे लखनऊ जेल मुख्यालय में बनी वीडियो वॉल से कनेक्ट रहेंगे, लिहाजा मुख्तार की बैरक की निगरानी जेल मुख्यालय से भी होती रहेगी.मुख्तार को बैरक नंबर 15 में रखा गया है. इसी बैरक में मुख्तार पहले भी था, लेकिन इस बार मुख्तार के आसपास कोई भी जाना पहचाना चेहरा नहीं होगा. इसीलिए बांदा जेल को 30 नए सुरक्षाकर्मी दिए हैं जिनमें 12 जेल वार्डर और 18 पीएसी के जवान है. यह नए जेलकर्मी और सुरक्षाकर्मी ही मुख्तार की बैरक के आसपास तैनात रहेंगे.रात को बांदा जेल पहुंचते ही मुख्तार का कोरोना का एंटीजन टेस्ट करवाया गया, टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव या नेगेटिव कुछ भी हो मुख्तार को सुबह तक सेल्फ आइसोलेशन में बैरक नंबर 15 में रखा जाएगा और सुबह ही उसका कोरोना का आरटी पीसीआर टेस्ट भी करवाया जाएगा.मुख्तार चुना हुआ विधायक है, लिहाजा उसे किसी भी चीज की जरूरत होगी तो उसे जिलाधिकारी को लिखना होगा. जेल मैनुअल के मुताबिक उसे वह सामान मुहैया कराया जाएगा.पंजाब से निकले मुख्तार अंसारी के काफिले में 88 पैकेट डिनर सप्लाई किए गए. 200 ML पीने के पानी की 238 बोतल दी गई. मुख्तार को भी खाने का पैकेट दिया गया. वहीं मुख्तार ने पुलिस के हाथ से पानी नहीं पिया. इसके बाद जेवर इलाके के एक पेट्रोल पंप में पुलिस ने एम्बुलेंस और गाड़ियों में तेल भरवाया.मुख्तार को लेकर यूपी पुलिस शाम करीब छह बजे यूपी की सीमा में प्रवेश कर गई. मुख्तार की एम्बुलेंस के आगे-पीछे और अगल-बगल पुलिस के वाहनों का काफिला चलता रहा था. पुलिस के काफिले के पीछे मीडिया की गाड़ियां चल रही थीं. मुख्तार को लेकर पुलिस का काफिला पंजाब के बाद यमुना एक्सप्रेस वे और फिर इटावा के बाद कानपुर के पहले घाटमपुर के रास्ते बांदा पहुंचा.पंजाब से लाते वक्त मुख्तार के काफिले का रूट तीन बार बदला गया. पहले, इटावा के बाद कानपुर देहात के सिकंदरा से अचानक रूट बदल दिया गया. रात डेढ़ बजे सिकंदरा पहुंचे काफिले को अचानक भोगनीपुर की तरफ मोड़ दिया गया. सिकंदरा से काफिला राजपुर होते हुए भोगनीपुर और यहां से मूसानगर होते हुए घाटमपुर और फिर हमीरपुर पहुंचा। यहां से अचानक पुलिस की गाड़िया भरुआ सुमेरपुर की ओर मुड़ गईं.उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी एक मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था. अंसारी को लाने के लिए राज्य सरकार और पंजाब सरकार के बीच सुप्रीम कोर्ट तक मामला चला. 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने पंजाब की जेल में बंद मुख्तार को दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने मुख्तार की कस्टडी ट्रांसफर याचिका पर यह फैसला सुनाया था.