धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /देश में कोरोना वायरस संक्रमण ने कोहराम मचा रखा है. पिछले 24 घंटे में उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक मामले 38,055 नए केस आए हैं. वहीं संक्रमण के चलते 223 लोगों की मौत हुई है. यूपी में संक्रमण की बात करें तो कुल 2,88,144 एक्टिव केस हैं, जबकि अब तक कुल 10,959 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हुई है. ठीक होने वालों की संख्या 7,52,211 है. उधर, तमिलनाडु सरकार ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिम, धार्मिक स्थान, थियेटर बंद करने का ऐलान किया है. तमिलनाडु सरकार की घोषणा के मुताबिक 26 अप्रैल से ब्यूटी पार्लर, सैलून, स्पा, बार्बर शॉप बंद रहेंगे. होटल, रेस्टोरेंट और चाय की दुकानों से केवल पार्सल और टेकअवे की अनुमति होगी. सभी धार्मिक स्थानों को 26 अप्रैल से बंद.दूसरी ओर केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के प्रशासन ने वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान किया है. 24 अप्रैल की शाम 6 बजे से 26 अप्रैल की सुबह तक प्रदेश में कर्फ्यू लागू रहेगा. इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवाओं की अनुमति रहेगी. सभी बाजार, वाणिज्यिक संस्थान बंद रहेंगे. इसके साथ प्रशासन ने यह भी घोषणा की है कि राज्य में 18 से 45 वर्ष की आयु वाले लोगों को मुफ्त कोरोना वायरस वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा. टीके का खर्चा जम्मू-कश्मीर प्रशासन वहन करेगा.भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जर्मनी ने भारत से आने वाले अपने लोगों को छोड़कर बाकियों पर रोक लगा दी है. जर्मनी की स्वास्थ्य मंत्री जेन पान्ह ने कहा कि नए वैरिएंट के चलते भारत को कोरोना वायरस संक्रमण का नया हॉट स्पॉट बन गया है.उन्होंने कहा कि भारत में मिले नए वैरिएंट को लेकर हम बेहद चिंतित हैं, और हम नहीं चाहते कि हमारा टीकाकरण अभियान प्रभावित हो. लिहाजा भारत से आने वालों लोगों की संख्या को बेहद सीमित करने का फैसला हुआ है. जेन ने कहा कि सोमवार से भारत से आ रहे केवल जर्मन नागरिकों को ही जर्मनी में प्रवेश की अनुमति मिलेगी. देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते हाहाकार मचा हुआ है. अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने जर्मनी से 23 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र हवाई मार्ग से लाने का फैसला किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.मंत्रालय ने यह निर्णय ऐसे समय में किया है, जब कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों को चिकित्सीय ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.