कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / : देखिए निजीकरण सरकार पर हमेशा पड़ता है भारी. राज्य सरकार प्राइवेट हॉस्पिटलों को अपने जमीन देने में किसी प्रकार का कोई आनाकानी नहीं करती है. लेकिन जब राज्य सरकार को आवश्यकता पड़ता है , कई बार बिहार सरकार के वरीय पदाधिकारी मेदांता ग्रुप से बात कर चुके हैं लेकिन उसने आज तक अपने हॉस्पिटल को कोविड-हॉस्पिटल के रूप में नहीं बदला. प्राइवेट मैनेजमेंट नाको चने चबा देते हैं . मेदांता ग्रुप में कितना आरजू मेहनत के बाद जयप्रभा हॉस्पिटल को बिहार सरकार से लीज पर लिया . लेकिन आज जब देश में आपातकाल की स्थिति है, आम आदमी मर रहा है . फिर भी इतने दिन बीत गए मेदांता ग्रुप ने आज तक अपने हॉस्पिटल को आम जनता के लिए नहीं खोला . आज देश के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को आग्रह करना पड़ रहा है. प्राइवेट हॉस्पिटल और प्राइवेट मैनेजमेंट का यही हाल होता है.आप खुद देख सकते हैं रविशंकर प्रसाद ने जो ट्वीट किया. पटना का मेदांता अस्पताल बन सकता है कोविड डेडिकेटेड अस्पताल, केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मेदांता समुह के अध्यक्ष डॉक्टर नरेश त्रेहान से किया आग्रह।कंट्री इनसाइड न्यूज़ ग्रुप के मैनेजिंग एडिटर कौशलेंद्र पाण्डेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से किया विनम्र अपील, अपने शक्ति का प्रयोग करते हुए मेदांता हॉस्पिटल के लीज को खत्म कर राज्य सरकार अपने हाथ में ले ले मेदांता हॉस्पिटल को. यही राज्य हित में है.