पटना, २६ अप्रैल। आगामी १५-१६ मई को होनेवाला, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ४२वाँ महाधिवेशन स्थगित कर दिया गया है। नई तिथि की घोषणा १५ मई के बाद कार्यसमिति के निर्णय के आलोक में की जाएगी। भारत में तेज़ी से पैर पसार रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है।
यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि सम्मेलन की कार्यसमिति की ह्वाट्स ऐप समूह पर हुए विमर्श के पश्चात सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। लगभग सभी सदस्यों ने महाधिवेशन की तिथि बढ़ाने के पक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। सदस्यों की राय थी कि वर्तमान चिंताजनक स्थिति में महाधिवेशन का प्रयोजन सिद्ध नहीं होगा, अपितु आशंकाएँ ही बढ़ेंगी। राज्य सरकार ने १५ मई तक वैसे भी इस तरह के आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया गया है और आवश्यक आयोजनों के लिए भी उपस्थिति की संख्या सीमित की गई है। दोनों ही अवस्थाओं में महाधिवेशन अर्थहीन और महत्त्वहीन हो जाएगा। अस्तु किंचित विलंब से ही हो, पर जब भी हो, इसकी गरिमा-महिमा में कमी नहीं होनी चाहिए।
विमर्श में भाग लेनेवालों में सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, डा कल्याणी कुसुम सिंह, साहित्यमंत्री डा भूपेन्द्र कलसी, डा लक्ष्मी सिंह, भगवती प्रसाद द्विवेदी, डा पुष्पा जमुआर, पूनम आनंद, डा सागरिका राय, डा शालिनी पाण्डेय, डा विनय कुमार विष्णुपुरी, सुनील कुमार दूबे, डा पल्लवी विश्वास, अम्बरीष कांत तथा प्रवीर पंकज सम्मिलित थे।