उत्तरकाशी, निखिल दुबे : गंगोत्री विधायक स्व. गोपाल सिंह रावत ने अपने निधन से पहले जखारी गांव को साढ़े तीन किमी मोटर मार्ग की सौगात दी। कैंसर से लड़ाई लड़ते हुए विधायक स्व. गोपाल सिंह रावत अपने आखिरी दिनों में भी गंगोत्री विधान सभा के विकास कार्यों को लेकर लगातार सक्रिय थे। लंबे समय से वन हस्तांतरण प्रकरण को लेकर लंबित डुंडा कुराह जखारी मोटर मार्ग को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति दिलवाने के लिए स्व. गोपाल सिंह रावत आखिरी दम तक सक्रिय रहे। विधायक गोपाल सिंह रावत जी के अथक प्रयासों से जखारी गांव को सड़क का तोहफा मिला है।जखारी के ग्रामीणों ने सड़क को वन स्वीकृति मिलने पर विधायक गोपाल सिंह रावत जी को याद करते हुए उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि प्रदान की। बता दें उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित जखारी गांव मोटर मार्ग को मिली वन स्वीकृति स्थानीय विधायक अपने निधन से पहले वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से की थी जखारी मोटर मार्ग को स्वीकृति देने की मांग। बता दे जखारी गांव जिला मुख्यालय से थोड़ी ही दूरी पर स्थित गांव है जहां आने जाने के लिए अभी तक रास्ता नहीं था जिससे वहां के स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लोगों को करीब 3 किलोमीटर पैदल ही अपनी जरूरत की चीजों को लेने के लिए आना जाना पड़ता था अपनी जान की बाजी लगाकर स्थानीय नागरिक इन्हीं हालातों की वजह से गांव को छोड़कर शहर की तरफ अपना रुख करने लगे और गांव खाली बिरान पढ़ने लगा पतंजलि आयुर्वेद अस्पताल में कार्यरत जखारी गांव के निवासी राजेश नौटियाल ने बताया रास्ते की दिक्कतों की वजह से लोगों को अपना जीवन यापन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जिस वजह से उनका भी परिवार गांव से थोड़ी दूर पर शहर रहने को मजबूर हुआ और शहर में रहने लगे लोगों को रास्ता ना होने की वजह से चिकित्सक सहायता समय पर नहीं मिल पाता, रोजमर्रा की जरूरतों को भी पूरा करने में काफी परेशानियां होती है।
राजेश नौटियाल ने विधायक स्वर्गीय गोपाल रावत के बारे में बताते हुए कहा विधायक के द्वारा किए गए सभी कार्य सराहनीय हैं उन्होंने अपने कार्यकाल में विधानसभा के भलाई के लिए बहुत से कार्य किए उनको भुलाया नहीं जा सकता। बीमारी की हालत में भी लगातार जखारी व जसपुर सिल्याण मोटर मार्गों के स्थिति का फाॅलोअप करते रहे। आखिरी दिन माननीय विधायक ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से संपर्क किया था। जिसके बाद जखारी मोटर मार्ग को स्वीकृति मिली। जखारी गांव तक मोटर मार्ग का प्रस्ताव लंबे समय से वन भूमि स्वीकृति के लिए लंबित था। विधायक स्व. गोपाल सिंह रावत ने जखारी गांव को सड़क से जोड़ने के लिए वन स्वीकृति को लेकर लगातार अथक प्रयास किया। स्व. गोपाल रावत अपने आखिरी दिनों में भी हर रोज जखारी मोटर मार्ग व जसपुर सिल्याण मोटर मार्ग के वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया का फाॅलोअप करते रहते थे। लंबी बीमारी के दौरान जब वह घूमने फिरने में असमर्थ हो चुके थे तो फोन के जरिए निर्माणदायी एजेंसी, वन विभाग, नोडल ऑफिसर, राज्य सरकार व वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय से लगातार संपर्क पर इन दोनों मोटर मार्गों को वन भूमि हस्तांतरण को लेकर वार्ता करते थे।
अपने निधन के दिन ही उन्होंने अपने निजी सहायक पंकज कुशवाल से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क कर जखारी मोटर मार्ग के प्रकरण को शीघ्र निस्तारित करने के संबंध में वार्ता को कहा था। जिसके बाद निजी सहायक द्वारा उक्त कार्यालय में संपर्क कर जखारी मोटर मार्ग को शीघ्र वन भूमि स्वीकृति देने के संबंध में वार्ता की गई। 300 से अधिक की आबादी वाले जखारी गांव के ग्रामीणों का वर्षों से सड़क का सपना पूरा हो गया है। गंगोत्री विधान सभा के हर गांव को सड़क से जोड़ने के लिए गोपाल सिंह रावत को उत्तरकाशी जनपद याद रखेगा। वहीं, जखारी मोटर मार्ग के निर्माण के बाद अब बेहद दुर्गम में स्थित बल्ला गांव के ग्रामीणों को भी डुंडा से 5 किमी की दुर्गम पैदल दूरी भी तय नहीं करनी पड़ेगी और जखारी से वह आसानी से आवाजाही कर सकेंगे।
जखारी के ग्रामीण व सड़क स्वीकृति के लिए सक्रिय रहे रमेश नौटियाल ने कहा कि वन भूमि स्वीकृति मिलने की खुशी जितनी है उतनी ही विधायक गोपाल सिंह रावत जी के न होने का दुख भी है। श्री नौटियाल ने कहा कि विधायक जी ने वायदा किया था कि जखारी गांव में सड़क पहुंचाने के बाद ही इस गांव में कदम रखूंगा पर सड़क पहुंचाने का वादा तो पूरा कर दिया लेकिन खुद आने का वादा पूरा नहीं कर सके। रमेश नौटियाल ने कहा कि जखारी और गंगोत्री विधान सभा अपने इस विकास पुरूष को कभी नहीं भूलेगी।