सुरभी संप्रिय की रिपोर्ट/ कोरोना के संक्रमण से जूझ रही दिल्ली के लिए कुछ राहत की खबर है. पिछले 15 दिनों के आंकड़ाें पर गौर किया जाए तो राजधानी में पॉजिटिविटी रेट गिरकर 17.76 प्रतिशत हो गया है. जो आधा रह गया है. वहीं ये आंकड़ा 14 अप्रैल के बाद सबसे कम है. वहीं पिछले 24 घंटों में 12,481 मामले सामने आए हैं, ये भी 12 अप्रैल के बाद सबसे कम हैं. हालांकि एक दिन में 347 लोगों ने इस महामारी के आगे दम तोड़ दिया है. मौत के मामले में अभी भी कमी नहीं दिख रही है. यदि एक दिन पहले की बात की जाए तो 28 ज्यादा लोगों ने पिछले 24 घंटे में दम तोड़ दिया है. वहीं नए संक्रमितों की बात की जाए तो सोमवार के मुकाबले मंगलवार को 170 मामले कम.दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजधानी में कोरोना के मामलों में कमी जरूर आई है लेकिन अभी ये पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है. उन्होंने बताया कि राजधानी में सिर्फ तीन से चार दिन की ही वैक्सीन बची है. जैन ने कहा कि वैक्सीन नहीं मिल पा रही है. वैक्सीन मिल जाए तो सभी को वैक्सीन लगा दी जाएगी. वैक्सीनेशन के लिए दिल्ली सरकार ने बड़े इंतजाम भी किए हैं लेकिन कंपनियों से मिलने वाली वैक्सीन के आबंटन पर केंद्र सरकार का कंट्रोल है. फिलहाल वैक्सीन मिलने में दिक्कत आ रही.इस पर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़े किए. बीजेपी सासंद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली की कुल जनसंख्या ढाई करोड़ है, ऐसे राज्य हैं जिनकी जनसंख्या 25 करोड़ तक है तो इनको ही सारी वैक्सीन क्यों दे दी जाए यह कोई खास हैं क्या. जिस हिसाब से वैक्सीन बांटी जा रही है.पिछले कुछ दिनों से मामलों में आई कमी पर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले अब लगातार घट रहे हैं. दिल्ली में संक्रमण दर भी लगातार घट रही है. सत्येन्द्र जैन ने कहा जो मामले तेजी से बढ़ रहे थे, अब वो मामले कम होने शुरू हुए हैं. लेकिन अभी कम्फर्ट जोन में नही आ सकते जब तक संक्रमण दर 5% से नीचे न आ जाए और कोरोना मामले 3 या 4 हजार से नीचे न दर्ज हों.सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में रोजाना करीब 80 हजार टेस्ट हो रहे हैं. लॉक डाउन का असर है इसलिए भी लोग घरों से कम निकल रहे हैं. सभी सरकारी अस्पतालों में टेस्टिंग हो रही है. वहीं दिल्ली के अस्पतालों में बेड की कमी पर उन्होंने कहा कि अब भी हॉस्पिटल बेड्स की डिमांड तेज है. दिल्ली में कोरोना के 23 हजार बेड्स हैं इनमें से 20 हजार बेड्स पर मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं. पिछली कोरोना लहर में एक दिन में सबसे अधिक साढ़े 9 हजार कोरोना मरीज अस्पतालों में भर्ती थे. इस लहर में आंकड़ा 22 हजार तक पहुंच चुका है.