धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है. हर दिन कोरोना के नए मामले डराने लगे हैं. देश में कोरोना के बेकाबू होते हालात को देखते हुए विपक्ष ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस समेत 12 राजनीतिक दलो के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक संयुक्त पत्र लिखा है और आरोप लगाया है कि समय रहते मोदी सरकार ने विपक्ष के सुझावों को माना होता तो आज देश में कोरोना के इतने खराब हालात न होते. पत्र के जरिए उन्होंने सरकार पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है. इसके साथ ही सरकार से मांग की है कि वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा सके.कांग्रेस समेत 12 राजनीतिक दलों के नेताओं ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार बजट में निर्धारित किए गए 35 हजार करोड़ रुपये को तुरंत स्वास्थ्य सेवाओं में लगाए, जिससे इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके. विपक्ष के नेताओं ने मांग की है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को तुरंत रोका जाए और इसके लिए जितने रुपये का आबंटन किया गया है उसे ऑक्सीजन और वैक्सीन खरीदने पर खर्च किया जाए. इसके साथ ही पीएम केयर फंड के पैसे को भी ऑक्सीजन, दवा और मेडिकल उपकरण खरीदने में लगाने की मांग की गई है.विपक्षी दलों ने कहा है कि महामारी की मार झेल रहे बेरोजगारों को 6 हजार रुपये प्रति माह दिया जाए और केंद्रीय गोदामों में पड़े अनाजों को जरुरतमंदों को मुफ्त में बांटा जाए. इसके साथ ही दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों को कोरोना से बचाने के लिए कृषि कानून को जल्द से जल्द रद्द किया जाए.पत्र लिखने वालों में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता देवेगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जेएमएम नेता और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, जेकेपीए नेता फारुख अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सीपीआई के नेता डी. राजा और सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी शामिल हैं.