प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /बीजेपी जहां केन्द्र से मिले वेंटिलेटर्स को प्राइवेट हॉस्पिटल्स को किराए पर देने का आरोप लगा रही है वहीं सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र से मिले वेंटिलेटर्स को डिफेक्टिव बताते हुए इनकी खरीद की जांच की मांग कर डाली है. पीएम केयर फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर्स की क्वालिटी को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला है.सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश को पीएम केयर फंड से 1900 वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए थे. इनके इंस्टॉलेशन और मेंटिनेंस की जिम्मेदारी भी भारत सरकार की ही थी. गहलोत ने कहा कि डॉक्टर्स के मुताबिक इनमें से कई वेंटिलेटरों में तकनीकी कमियां हैं और इन्हें इस्तेमाल करना रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. गहलोत का यह बयान तब आया है जब बीजेपी ने वेंटिलेटर्स किराए पर देने के मसले को तूल दे रही है और राज्य सरकार को चौतरफा घेरने का प्रयास कर रही है.सीएम गहलोत के मुताबिक इन वेंटिलेटर्स में प्रेशर ड्रॉप की समस्या है. 12 घंटे लगातार काम करने के बाद ये वेंटिलेटर बंद हो जाते हैं. इसके साथ ही पीआईओटू में अचानक कमी, ऑक्सीजन सेंसर और कम्प्रेशन के फेल होने जैसी परेशानियां भी इन वेंटिलेटर्स में हैं. गहलोत ने कहा कि केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में भी इन वेंटिलेटर्स में अलग-अलग समस्याएं आईं है जो मीडिया में भी आई हैं. राजस्थान में सबसे पहले 5 अप्रेल को ओपन वीसी में उदयपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. लखन पोसवाल ने यह मामला उठाया था.जांच हो, कैसे खरीदे गए डिफेक्टिव वेंटिलेटर?गहलोत ने कहा कि इन वेंटिलेटर की समस्या से अवगत करवाने के साथ ही इन्हें जल्द से जल्द ठीक करवाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से दो पत्र सचिव स्तर पर और एक पत्र मंत्री स्तर पर भारत सरकार को लिखा गया है. भारत सरकार की ओर से नियुक्त कंपनी ने 11 सदस्य इसके लिए भेजने की बात भी कही है. लेकिन यहां सिर्फ 6 लोग कार्य कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि ये अनुभव की कमी के कारण वेंटिलेटर्स को ठीक नहीं कर पा रहे हैं और डॉक्टर्स भी इससे संतुष्ट नहीं हैं. गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जांच करवानी चाहिए कि ऐसे डिफेक्टिव वेंटिलेटर्स की खरीद आखिर कैसे हुई? गहलोत का यह बयान केन्द्र सरकार की मुसीबतें बढ़ा सकता है और अब दूसरे राज्य भी इनकी जांच की मांग कर सकते हैं.