प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /चीन से निपटने के लिए भारतीय पक्ष पूरी तरह तैयार है. इस बात की जानकारी सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को दी है. उन्होंने कहा कि सेना ने पूर्वी लद्दाख में किसी भी तरह की मुश्किल से निपटने के लिए पर्याप्त सैनिक तैनात किए हैं. इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताई है कि चीन के साथ जारी सैन्य विवाद वार्ता के जरिए सुलझ जाएगा. दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्तर की चर्चा जारी है. सेना प्रमुख नरवणे ने दावा किया है भारतीय सेना चीन के मामले में किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों की वार्ता प्रक्रिया पर विराम नहीं लगा है. उन्होंने कहा, ‘यह एक लगातार प्रक्रिया है… इसमें समय लगेगा.’ उन्होंने जानकारी दी है कि पूर्वी लद्दाख में 50-60 हजार सैन्य दलों की तैनाती जारी है. चीन की सेना ने देपसांग मैदानों में भारतीय गश्त को रोकने के साथ-साथ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेमचोक में रुकी डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को पूरा करने से मना कर दिया है. बीते साल दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा में हालात तनावपूर्ण हो गए थे.इसके अलावा पीएलए ने सड़कों, सैनिकों, आश्रयों, हैलीपेड और सर्फेस टू एयर मिसाइल के लिहाज से सैन्य संरचना बढ़ाने का काम जारी रखा है. जनरल नरवणे ने कहा, ‘हम भी ऐसा ही कर रहे हैं. हम भी हमारे संरचना विकास में कहीं से पीछे नहीं है.’ उन्होंने बताया कि भारत उस समय हालात की गंभीरता से निगरानी कर रहा था, जब पीएलए ने ‘पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्रों’ में अपना सालाना ग्रीष्म अभ्यास शुरू किया था.उन्होंने कहा, ‘यह एक सालाना प्रक्रिया है. हम सभी एक खास समय में हमारे प्रशिक्षण क्षेत्रों में जाते हैं. चीन भी अपने प्रशिक्षण क्षेत्र में आया था, लेकिन उन इलाकों में कोई भी गतिविधि नहीं देखी गई, जहां हमने डिसइंगेजमेंट किया है.दोनों पक्षों ने डिसइंगेजमेंट का सम्मान किया है.’