हरिद्वार, (निखिल दुबे) : भारतीय चिकित्सा संघ और योगगुरु रामदेव के बीच छिड़ी चिकित्सा पद्धति की जंग अब कानूनी ज़मीन पर उतर आई है. शनिवार को पतंजलि योगपीठ ने IMA के उन आरोपों को खारिज किया था, जिसमें चिकित्सा संघ की ओर से कहा गया था कि रामदेव ने ऐलोपैथी के खिलाफ अज्ञानतापूर्ण बयान देकर लोगों को गुमराह किया और वैज्ञानिक चिकित्सा को बदनाम किया.
बाबा रामदेव के कथित बयान की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने निंदा की थी और अब एसोसिएशन ने रामदेव को नोटिस भी भेज दिया है. सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा था कि रामेदव कह रहे हैं कि ‘‘एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है…’’.
Let us all join our hands to heal the diseased humanity by combining ancient and modern scientific wisdom, and by dissolving the hard boundaries of various –pathy's or their treatment ways @ians_india @ANI pic.twitter.com/OedThJDYOW
— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) May 22, 2021
हरिद्वार स्थिति पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने एक बयान जारी कर कहा कि योग गुरु स्वामी रामदेव चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का “बेहद सम्मान” करते हैं जो महामारी के ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दिन-रात काम करते हैं. इसमें कहा गया कि “वह उन्हें और कार्यक्रम में भाग ले रहे कई अन्य सदस्यों को व्हाट्सऐप पर प्राप्त एक अग्रसरित संदेश पढ़ कर सूना रहे थे.”
पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया है, “स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है. उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है वह गलत व निरर्थक है.”