प्रिया सिन्हा /अभी चक्रवात ताउते का कहर खत्म नहीं हुआ कि अब तूफान यास का खतरा मंडरा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 26 मई को चक्रवात यास ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकती है।
इस बात को लेकर चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मई को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों के साथ बैठक की। बता दें कि इस बैठक में तूफान से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की गई है। वहीं, इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
चक्रवात यास को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने यहां वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों, दूरसंचार, बिजली, नागरिक उड्डयन और पृथ्वी विज्ञान के मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक को अंजाम दिया व साथ ही चक्रवात ‘यास’ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा भी की। पीएम मोदी ने अधिकारियों से तटीय गतिविधियों में शामिल लोगों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकालने का आदेश दे दिया है। इस खास बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्री भी मौजूद थे।
बताते चलें कि बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्वी हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह 24 मई तक चक्रवाती तूफान यास का रूप ले लेगा। मौसम विभाग ने यह साफ कहा है कि चक्रवात यास के उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है, जो 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बेहद चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। मौसम विभाग ने इससे पहले यह अनुमान लगाया था कि यास 26 मई को बंगाल व ओडिशा तट से टकराएगा और इसके चलते दोनों राज्यों मे 22 से 26 मई तक भारी बारिश का भी पूर्वानुमान है।
बहरहाल, भारतीय नौसेना ने यास की चेतावनी के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए अपनी कमर कस ली है। पूर्वी तट पर नौसेना के मानवीय सहायता एवं आपदा राहत समूह (एचएडीआर) ने चार जहाजों और हवाई जहाजों को स्टैंडबाय पर भी रख दिया है व साथ ही गोताखोरों और मेडिकल टीमों को भी तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।