कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /तीसरी लहर को लेकर लोगों में डर पैदा हो गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. यही कारण है कि बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है. खबर है कि भारत बायोटेक जून से बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन पर परीक्षण शुरू कर सकता है. कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी हेड डॉ राचेस एला ने बताया कि कंपनी को तीसरी या चौथी तिमाही के अंत तक कोवैक्सिन के परीक्षण के लिए विश्व स्वास्थ्य से मंजूरी मिल सकती है.भारत बायोटेक से जुड़े एक सदस्य ने कहा कि हमारी मेहनत अब रंग ला रही है. हमारी टीम की ओर से तैयार किया गया टीका बेहतर तरीके से काम कर रहा है. हमें खुशी है कि टीका कारगर है और लोगों की जान बचा रहा है. जब हम काम खत्मकर घर वापस जाते हैं तो हमें यह अच्छा एहसास होता है. हमें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक हम अपनी निर्माण क्षमता को 70 करोड़ खुराक तक बढ़ाएंगे.डॉ राचेस एला ने कहा कोरोना महामारी के दौर में सरकार की ओर से जिस तरह से हमारी टीम को समर्थन मिला है उससे हमें काफी खुशी है. सरकार की मदद से ही हम आज यहां तक पहुंचने में कमयाब हो सके हैं. कोरोना वैक्सीन भारत बायोटेक और ICMR के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई है. सरकार ने इसके लिए 1,500 करोड़ रुपये की खरीद का ऑर्डर दिया है. इससे हमें अपनी जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. हम जल्द ही इसके लिए बैंगलोर और गुजरात में भी अपनी यूनिट खोल रहे हैं.हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने नेज़ल वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन के जरिए नाक के जरिए डोज दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है. कंपनी के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी. नाक के दोनों छेदों में दो-दो बूंदें डाली जाएंगी. क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री के अनुसार, 175 लोगों को नेजल वैक्सीन दी गई है. इन्हें तीन ग्रुप में बांटा गया है. पहले और दूसरे ग्रुप में 70 वालंटियर रखे गए हैं और तीसरे में 35 वालंटियर रखे गए हैं. ट्रायल के नतीजे अभी आने बाक़ी है.