धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट . भारत बायोटेक, ICMR और NIV के आपसी सहयोग से निर्मित कोरोना रोधी टीका कोवैक्सीन के बूस्टर डोज का भी ट्रायल शुरू हो गया . कोवैक्सीन के तीसरे डोज का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया . इस ट्रायल के दौरान दूसरे चरण के ट्रायल में शामिल हुए कुछ वॉलंटियर्स को बूस्टर डोज मिलेगी. 81% एफिकेसी वाली कोवैक्सीन का बूस्टर डोज लेने वालों में यह देखा जाएगा कि कोरोना संक्रमण से बचने में यह कितनी इम्यूनिटी बढ़ा सकता है.कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे मार्च में सामने आए थे. तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजों में वैक्सीन 81% तक प्रभावी पाई गई. भारत बायोटेक ने देश के 25,800 लोगों पर ये ट्रायल किए गए थे. आईसीएमआर की भागीदारी में अब तक के सबसे बड़े ट्रायल्स थे. कोवैक्सीन के ट्रायल के मुताबिक ऐसे लोग जो कोविड-19 से संक्रमित नहीं हुए थे उनमें ये वैक्सीन 81 प्रतिशत तक प्रभावी पाई गई.कोविड-19 से बचाव के लिए देश में दिए गए टीके की खुराक की संख्या रविवार को बढ़कर 19.60 करोड़ के पार हो गई. मंत्रालय ने कहा, ‘कुल 19,60,051,962 खुराक दी गई हैं.’ स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक, ‘इनमें से 97,52,900 स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई है, जबकि 67,00,614 स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं जिन्हें दूसरी खुराक दी जा चुकी है.’ अग्रिम मोर्चे के 1,49,52,345 कर्मियों को टीके की पहली खुराक मिली है और अग्रिम मोर्चे के 83,26,534 कर्मियों को टीके की दूसरी खुराक मिली है. 18 से 44 साल उम्र के 99,93,908 लाभार्थी (पहली खुराक), 45 से 60 साल उम्र के 6,06,90,560 (पहली खुराक) और 97,87,289 (दूसरी खुराक लेने वाले) लाभार्थी, 60 साल से अधिक उम्र के 5,65,55,558 (पहली खुराक लेने वाले) और 1,82,44,476 (दूसरी खुराक लेने वाले) लाभार्थी टीका लेने वालों में शामिल हैं.