कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन ने WHO में इमरजेंसी यूज़ लिस्टिंग के लिए अर्जी दी है. अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि इसे बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने 11 देशों से रेग्युलेटरी अप्रूवल पहले ही हासिल कर लिया है. इतना ही नहीं 7 देशों की 11 कंपनियां कोवैक्सीन के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उत्पादन में भी दिलचस्पी दिखा रही हैं. इसके अलावा यूएस एफडीए के साथ भारत बायोटेक की बातचीत आखिरी चरण में है. ये फाइनल हो जाने के बाद यूएस में छोटे स्तर पर वैक्सीन का फेस-3 ट्रायल शुरू किया जाएगा. इसके अलावा कंपनी ब्राजील और हंगरी में कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए रेग्युलेटरी अप्रूवल पाने की प्रक्रिया में ज्यादातर दस्तावेज़ जमा किए जा चुके हैं. भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के लिए इमरजेंसी यूज़ लिस्टिंग की मंजूरी पाने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ भी 90 फीसदी तक जमा कर दिए हैं. बाकी बचे डॉक्यूमेंट कंपनी की ओर से जून 2021 तक पूरे कर दिए जाएंगे. भारत बायोटेक डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन उपयोग सूची की मंजूरी मिलने को लेकर काफी आश्वस्त है. कंपनी का कहना है कि ये बात ध्यान देने की है कि अब तक किसी देश ने वैक्सीन पासपोर्ट की स्थापना नहीं की है. हर देश की अपनी मंजूरी है. जिनमें ज्यादातर जगहों पर आरटी पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट मांगी जाती.भारत बायोटेक जून से ‘कोवैक्सीन’ का ट्रायल बच्चों पर शुरू करने वाली है. कंपनी को 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल करने की अनुमति पहले ही मिल चुकी है. भारत बायोटेक के बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी के प्रमुख डॉ. राचेस एल्ला ने ये भी कहा है कि साल के तीसरे या चौथे क्वार्टर तक बच्चों की वैक्सीन का लाइसेंस भी कंपनी को मिल सकता है. देश में वैक्सीन की किल्लत को देखते हुए कंपनी साल के अंत तक 70 करोड़ कोवैक्सीन के उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसके लिए कुछ नई जगहों पर यूनिट्स भी लगाने की योजना है.