प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट /लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल की ओर से पेश किए गए लक्षद्वीप एनिमल प्रिजर्वेशन रेगुलेशन ड्राफ्ट पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बता दें कि इस नए ड्राफ्ट के खिलाफ अब तक 8 भाजपा नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल भी प्रफुल्ल पटेल और भाजपा सरकार पर जमकर हमला किए हुए हैं।
दूसरी ओर, इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी तक लिख डाली है… इस पत्र में गांधी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वह इस मामले में दखल दें और यह सुनिश्चित करें कि लक्षद्वीप में लागू प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के आदेशों को जल्द से जल्द वापस लिया जाए।
यही नहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में यह आरोप भी लगाया है कि प्रफुल्ल पटेल की ओर से मनमाने ढंग से किए गए संशोधनों और घोषित ‘जन विरोधी नीतियों’ के कारण लक्षद्वीप के लोगों के भविष्य को खतरा पैदा हो गया है व साथ ही राहुल गांधी ने लक्षद्वीप में विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख करते हुए कहा कि – ‘लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन का मसौदा इस बात का सबूत है कि प्रशासक की ओर से लक्षद्वीप की पारिस्थितिकी शुचिता को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है।’
बताते चलें कि राहुल गांधी ने यह दावा किया है कि इस मसौदे के प्रावधान लक्षद्वीप में भू स्वामित्व से संबंधित सुरक्षा कवच को कमजोर करते हैं, कुछ निश्चित गतिविधियों के लिए पर्यावरण संबंधी नियमन को कमतर करते हैं तथा प्रभावित लोगों के लिए कानूनी उपायों को सीमित भी करते हैं।