धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /अब राजधानी में डेंगूू,चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले भी तेजी से सामने आने लगे हैं. अब तक दिल्ली में डेंगू के 25 मामले रिकॉर्ड किए जा चुके हैं. वहीं मलेरिया के 8 मामले और चिकनगुनिया के 4 मामले सामने आ चुके हैं. दिल्ली में कोरोना महामारी के बीच जल जनित बीमारियों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट भी गंभीर है. दिल्ली हाईकोर्ट भी तीनों नगर निगमों और दिल्ली सरकार से इन बीमारियों से बचाव के किए जा रहे उपायों और प्रयासों पर रिपोर्ट तलब कर चुका है.जल जनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और दूसरी अन्य बीमारियों के मरीज आने और अस्पतालों में स्थिति को लेकर नगर निगम और दिल्ली सरकार की व्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट की ओर से टिप्पणी की जा चुकी है.दिल्ली नगर निगम की ओर से प्राप्त आंकड़ों की बात करें तो MCD के अधीनस्थ 12 जोन में अब तक डेंगू के 25 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं. लेकिन इसमें 11 मामले ऐसे हैं जिनकी जांच के बाद क्षेत्र की पहचान नहीं हो पाई है.आंकड़ों के मुताबिक अभी तक सबसे ज्यादा मामले साउथ दिल्ली नगर निगम के अधीनस्थ 10 रिकॉर्ड किए गए हैं. वहीं, नॉर्थ दिल्ली नगर निगम और ईस्ट दिल्ली नगर निगम के अधीनस्थ क्षेत्रों में दो-दो मामले रिकॉर्ड किए गए हैं.दिल्ली में पिछले 5 साल के दौरान रिकॉर्ड किए गए मामलों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा डेंगू के मामले 2017 में 4,726 रिकॉर्ड किए गए थे. वहीं, 2016 में भी 4,431 मामले सामने आए थे. 2018 में 2,798, 2019 में 2,036 और 2020 में 1,072 मामले दर्ज किए गए थे. 2021 में जो 25 मामले दर्ज किए गए हैं उनमें अप्रैल माह में सबसे ज्यादा 10 मामले अभी सामने आए हैं. मार्च में पांच, फरवरी में 2 और मई माह में 8 मामले अब तक रिकॉर्ड किए जा चुके हैं.5 साल के दौरान डेंगू से 27 लोगों की मौत हुई है. सबसे ज्यादा मौत 2016 और 2017 में 10-10 रिकॉर्ड की गई हैं. वहीं, 2018 में 4, 2019 में 2 और 2020 में एक मरीज की जान गई थी.इसी तरह से अगर मलेरिया के मामलों पर बात करें तो अभी तक दिल्ली भर में 8 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं. इसमें एक मामला ऐसा है जिसका जांच के बाद निगम या अन्य एजेंसी के अधीन क्षेत्र का पता नहीं चल पाया है. बताया जाता है कि जून से लेकर सितंबर, अक्टूबर माह मलेरिया बीमारी के फैलाव के पीक वाले महीने माने जाते हैं. इन महीनों में सबसे ज्यादा मामले रिकॉर्ड भी किए जाते हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह मानसून सीजन भी बताया जाता है. 5 साल के दौरान आए मलेरिया के मामलों की बात की जाए तो 2016 में 454, 2017 में 577, 2018 में 473, 2019 में 213 और 2020 में 228 मामले रिकॉर्ड किए गए थे. अच्छी बात यह है कि पिछले 5 साल के दौरान में मलेरिया से सिर्फ एक ही मौत हुई है. वर्ष 2020 में मलेरिया से एक मरीज की जान गई थी.इसके अलावा चिकनगुनिया के मामले भी आने शुरू हो गए हैं. अभी तक चिकनगुनिया के भी दिल्ली में 4 मामले सामने चुके हैं. वहीं, पिछले साल की बात करें तो 111 मामले चिकनगुनिया के रिकॉर्ड किए गए थे.ईस्ट दिल्ली नगर निगम के निगम स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी कि वर्तमान में पूर्वी दिल्ली में 2 एंटीमोलोजिस्ट और 2 रैपिड रेस्पोंस टीम काम कर रही हैं. जल-जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पूर्वी निगम द्वारा वार्ड-लेवल मीटिंग, प्रिंट-मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा विज्ञापन, हैंडबिल, स्टीकर, बैनर आदि द्वारा जन-जागरूकता का काम किया जाता है.साउथ दिल्ली नगर निगम की ओर से करीब 5 लाख से ज्यादा मोबाइल सन्देश (SMS) भेजे जा चुके हैं. इन संदेशों के माध्यम से नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि उपाय अपनाकर अपने घरों एवं प्रतिष्ठानों में मच्छरों के प्रजनन को रोक सकते हैं. घरों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों जहां पर मच्छरों की ब्रीडिंग पाई गई है. इन सभी करीब 1800 जगहों पर कानूनी नोटिस एवं चालान किए गए हैं. इसके अतिरिक्त बार-बार मच्छरों की उत्पत्ति पाए जाने पर चालान होगा.नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के प्रेस एवं सूचना कार्यालय (PIO) के निदेशक योगेंद्र सिंह मान के मुताबिक निगम जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए लगातार प्रयासरत हैं. घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में लगातार मच्छर प्रजनन की जांच के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इनकी रोकथाम के उपाय नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनको नोटिस और चालान दोनों किए जाते हैं. वहीं, जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है. साथ ही नागरिकों को प्रचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए जागरूक भी किया जा रहा है. आने वाले समय में इस अभियान को और तेज किया जाएगा.बचाव में इन सभी उपायों को गंभीरता से अमल में लायें.कूलरों को हर सप्ताह खाली करें और रगड़ कर साफ कर सुखा दें.-यदि कूलर खाली नहीं कर सकते हैं तो उनमें पेट्रोल या डीजल डाल दें.पानी के टैंक को अच्छी तरह से ढ़क कर रखें और पानी के अन्य सभी बर्तनों पर कस कर ढ़क्कन लगाएँ.मनी प्लांट, फेंगसुई प्लांट, चिड़ियों को पानी पिलाने के पात्र की हर दिन सफाई करें.अपने घर और दफ्तर के अंदर और आस-पास पानी जमा न होने दें.खुले में टिन, टायर, टूटे-फूटे बर्तन, कबाड़ आदि नहीं रखें.