सूत्रों के हवाले से /यूपी में कोरोना कर्फ्यू को बढ़ाए जाने की उम्मीद तो अब कम ही दिखाई दे रही है। माना जा रहा है कि योगी सरकार एक जून से बाजार पर लगी पाबंदियों को हटा सकती है । वही दफ्तरों को भी सीमित संख्या के साथ खोलने का निर्देश दे सकती है । वैश्विक महामारी की दूसरी लहर का कहर अब कुछ कम होने लगा है । जिसके बाद योगी सरकार अब कोरोना कर्फ्यू में कुछ राहत देने का मन बना रही है। प्रदेश में लॉकडाउन को सरकार चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी में है। प्रदेश में कोविड के मामले कम हुए हैं। लेकिन ब्लैक फंगस लगातार पांव पसार रहा है। इसके बावजूद यहां पर कोरोना कर्फ्यू को बढ़ाए जाने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है।माना जा रहा है कि सरकार एक जून से बाजार पर लगी पाबंदियों को हटा सकती है और दफ्तरों को भी सीमित संख्या के साथ खोल सकती है। उत्तर प्रदेश में जारी कोरोना कर्फ्यू का दायरा एक जून से कम करने के संकेत मिल रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की चेन रोकने के खातिर देश के सभी राज्यों में लॉकडाउन या कोरोना कर्फ्यू के अपेक्षित परिणाम सामने आ रहे हैं। सभी राज्यों में संक्रमण की रफ्तार मंद पडऩे लगी है। इसी को देखते हुए कई राज्यों ने एक जून से लॉकडाउन समाप्त करने या फिर कम करने की योजना बना ली है। मगर सरकार अभी पूरी तरह से छूट नहीं देना चाहती है।सरकार को डर है कि इससे कोरोना के मामलों में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो सकती है । इसी कारण अलग फेज में कई तरह की गतिविधियों में छूट दी जाएगी। स्थानीय हालात, जरूरत और स्रोतों का आकलन करने के बाद प्रदेश सरकार चरणबद्ध तरीके से पाबंदियों में रियायत दे सकती है। इसके तहत सरकार वीकेंड और नाइट कर्फ्यू जारी रह सकती है, लेकिन वह अन्य कई गतिविधियों में छूट दे सकती है। सरकार फिलहाल तो शॉपिंग मॉल, फिल्म थिएटर तथा सैलून के साथ ही कंटेनमेंट जोन में पडऩे वाली सारी दुकानें खोलने की योजना में नहीं है। सामाजिक, धाॢमक व राजनीतिक कार्यक्रम पर पाबंदी जारी रहेगी। हालांकि सार्वजनिक स्थल पर लोगों के कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 25 के स्थान पर 50 लोगों के एकत्र होने की मंजूरी भी है।
विवाह से जुड़ी वस्तुओं की दुकान, कपड़े की दुकान, किराना, सब्जी व फल की दुकानों को भी खोला जाएगा। इसी क्रम में कंस्ट्रक्शन से जुड़े कामों को शुरू करने की मंजूरी मिल सकती है। प्रदेश में आठ अप्रैल को उन जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया, जहां पर 500 से अधिक एक्टिव केस थे। इसके बाद 17 अप्रैल से पूरे प्रदेश में रविवार का कोरोना कर्फ्यू लगाया। इसके तीन दिन बाद यानी 20 अप्रैल से प्रदेश में हर शनिवार-रविवार वीकेंड कोरोना कर्फ्यू लगाया गया। 30 अप्रैल को कोरोना कर्फ्यू लगाया गया, जिसे एक दिन बाद छह मई तक लगाया गया। पांच मई को कोरोना कर्फ्यू को दस मई तक दिया गया। नौ मई को इसे बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया। इसके बाद 15 मई को कोरोना कर्फ्यू बढ़ाकर 24 मई तक कर दिया गया।23 मई को इसे 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। सरकार के इस कदम से लोगों को राहत भी मिलेगी और इसके साथ ही सख्ती भी रहेगी। हालांकि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय का स्पष्ट निर्देश है कि 30 जून तक सख्ती को बरकरार रखें, यदि कहीं पर केस कम हैं तो फिर राज्य सरकार अपनी तरफ से निर्णय ले सकती हैं। केंद्र सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बाबत पत्र भी भेजा है। गृह मंत्रालय की तरफ से हर राज्य के मुख्य सचिव को जारी पत्र में कहा गया है कि जिन जिलों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या अधिक है, वहां पर गहन एवं स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के उपाय किए जाएं। केंद्र सरकार ने राज्यों को सलाह दी है कि कोरोना वायरस से बचाव को देखते हुए लॉकडाउन जून में भी जारी रखें।केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 के मौजूदा दिशा-निर्देशों को 30 जून तक जारी रखने का आदेश दिया है। केंद्र की तरफ से कहा गया है कि कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद भी अभी सख्ती करने की जरूरत है। इसको देखते हुए अभी कुछ राज्य 30 जून तक लॉक डाउन या कोरोना कर्फ्यू लागू रख सकते हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पत्र में कहा कि मैं इस बात पर प्रकाश डालना चाहूंगा कि कोरोना के नए केस और मामलों में कमी आने के बाद भी मौजूदा समय में उपचाराधीन मामलों की संख्या अब भी बहुत अधिक है। यह महत्वपूर्ण है कि नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू रखा जाए।