प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट /पंजाब कांग्रेस में कलह की गुंज सुनने को मिल रही है…. बता दें कि लगातार दूसरे दिन भी पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में हाईकमान की तरफ से गठित समिति से मुलाकात की। जान लें कि इनमें पंजाब के मुख्यमंत्री के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर रहे नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल थे। इस खास मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा कि – ‘वह यहां जमीनी स्तर के लोगों की आवाज उठाने आए हैं। लोकतांत्रिक सत्ता पर उनका स्टैंड स्पष्ट है। लोगों की शक्ति लोगों के पास ही रहनी चाहिए। उन्होंने हमेशा सच कहा है…’
बता दें कि इससे पहले 31 मई, 2021 को प्रदेश के 25 मंत्री और विधायकों ने अपनी-अपनी बात खुलकर रख दी थी। और तो और नाराज नेताओं ने शिकायत की और कैप्टन खेमे ने चुनाव के मुद्दे पर जोर दिया था व साथ ही समिति में शामिल राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल और राज्य के प्रभारी महासचिव हरीश रावत से बातचीत के लिए पहुंचे नेताओं में कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थकों की संख्या ज्यादा थी। नाराज खेमे से भी कुछ मंत्री और विधायक पहुंचे थे।
बताते चलें कि नाराज खेमे के नेताओं ने समिति के सामने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कामकाज के तरीके पर कई सवाल उठा दिए हैं। साथ ही यह कहा है कि बेअदबी का मामला हल नहीं हुआ तो अगले चुनाव में जनता से वोट मांगने जाना मुश्किल हो जाएगा। दूसरी ओर, कैप्टन समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने 2022 के चुनाव की तैयारियों संबंधी खाका पेश किया है। इन नेताओं ने प्रदेश इकाई के भीतर किसी प्रकार की नाराजगी को अनदेखा करते हुए कैप्टन की सफल कार्य प्रणाली और अगले विधानसभा चुनाव के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी रखी।