प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /. अब तक देश में इसके तहत 22 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं. लेकिन इस अभियान के आंकड़ों पर गौर करें तो इसमें लैंगिक अंतर देखने को मिलता है क्योंकि अधिकांश राज्यों में महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुषों को वैक्सीन लगाई गई है.देश में टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत से अब तक 37 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में 2,25,40,803 लोगों ने कोविड-19 टीके की पहली खुराक और 59,052 लोगों ने दूसरी खुराक ले ली है. वेक्सीन की कम से कम एक डोज लेने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में 15 फीसदी अधिक है. इसका मतलब है कि देश में प्रत्येक 1000 पुरुषों के मुकाबले 867 महिलाओं को वैक्सीन लगी. यह अनुपात देश के लैंगित अनुपात से भी कम है.2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लैंगिक अनुपात प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 940 महिलाओं का है. नीति आयोग के मुताबिक 2015 में यह 1000 पुरुषों पर 900 महिलाओं का था.2 जून 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 9,13,81,749 पुरुषों और 7,92,31,870 महिलाओं को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है. इसका मतलब है कि देश की कुल टीका लग चुकी आबादी में पुरुषों की हिस्सेदारी 53 फीसदी है. तीन राज्यों छत्तीसगढ़, केरल और हिमाचल प्रदेश में महिलाओं के टीकाकरण की दर पुरुषों के मुकाबले अधिक है. केरल में 1000 पुरुषों के मुकाबले 1125 महिलाओं को टीका लगा. छत्तीसगढ़ में 1000 पुरुषों के मुकाबले 1045 महिलाओं को टीका लगा. हिमाचल प्रदेश में 1000 पुरुषों के मुकाबले 1003 महिलाओं को वैक्सीन लगाई गई.