प्रिया सिन्हा, चीफ सब एडिटर /मध्यप्रदेश में जबलपुर की सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो से 70 एके राइफल की चोरी मामले में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। दरअसल, चोरी हुई राइफल्स बिहार के नक्सलियों के हाथों बेची गई थी। इस बात का खुलासा खुद एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी ) ने अपनी चार्जशीट में की है। बता दें कि चार्जशीट में डिपो के रिटायर्ड आर्मोरर को मास्टरमाइंड बताया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साल 2018 में जबलपुर की सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो से सभी राइफाल्स चोरी किए गए थे। यह सभी राइफल्स रिजेक्टेट (Rejected) थे। आरोपियों ने इनके पार्ट-पुर्जे चोरी कर फिर से इन्हें असेंबल किया और इसके बाद बिहार के मुंगेर जिले में इन्हें बेच दिया गया था, जहां फिर इसे नक्सलियों के हाथों बेच दिया गया।
बताते चलें कि एनआईए ने अपनी जांच में यह साफ पाया है कि चुराए गए AK 47 हथियारों को नक्सलियों और अन्य आरोपियों को सप्लाई किया गया था। 29 जुलाई, 2018 को बिहार के मुंगेर जिले की जमालपुर थाने की पुलिस ने मोहम्मद इमरान आलम और शमशेर को गिरफ्तार किया गया था।
जान लें कि इन दोनों के पास से 5 एके-47 राइफल के अलावा उसके पास से पार्ट-पुर्जे भी मिले थे। इनमें 30 मैगजीन, 7 स्प्रिंग, 7 बॉडी कवर, 7 रीकॉइल स्प्रिंग, 7 ब्रिज ब्लॉक और अन्य पुर्जे शामिल थे। एनआईए ने दो जून को पटना में स्पेशल जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा के कोर्ट में 22 एके-47 राइफल की बरामदगी मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की।