कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट, अन्य समाचार एजेंसी के मुख्य अंश /लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस जानवरों से निकला संक्रमण है तो कुछ इसे चीन की वुहान लैब से निकला मान रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम चीन स्थित वुहान लैब का दौरा भी कर चुकी है लेकिन अभी तक इस बात की सही जानकारी नहीं मिली है कि आखिर कोरोना वायरस कहां से आया. हाल ही में अमेरिका ने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि कोरोना की उत्पत्ति चीन के वुहान वायरोलॉजी लैब से ही हुई है. बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही इस बात को दुनिया के सामने रख चुके हैं.कोरोना वायरस को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच अमेरिका के फेडरल डाटा से एक बड़ी जानकारी हाथ लगी है. फेडरल डाटा से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिकी रक्षा मंत्रलय, पेंटागन ने ब्रिटिश मूल के डॉक्टर पीटर दासजक की संस्था को चैरिटी के तौर पर तीन अरब रुपये दिए थे. डॉक्टर पीटर दासजक इकोहेल्थ एलायंस नामसे एक संस्था चलाते हैं और इसी संस्था ने चीन की वुहान और एलायंस संस्था भी जांच के घेरे में आ गई है. जांच टीम अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह संस्था चीन में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में कोरोना वायरस के अनुसंधान के लिए संघीय अनुदान का उपयोग कर रही थी. बता दें कि इकेोहेल्थ एलायंस अमेरिका की एक गैर-लाभकारी संस्था है, जिसका काम नई बीमारियों पर शोध करना है. इससे पहले भी ऐसे जानकारी आई थी कि जब इस बात को लेकर चर्चा हुई थी कि कोरोना वायर स चीन की वुहान लैब से निकला है. उस समय ही पता चल गया था कि इकोहेल्थ एलायंस ने वुहान लैब को वित्तीय सहायता पहुंचाई थी. इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संस्था के लिए 27 करोड़ रुपये (3.7 मिलियन डॉलर) का अनुदान रद्द कर दिया था.