धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट/ भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन के आयात को ग्रीन सिग्नल दे दिया है, लेकिन कड़ी शर्तों के साथ. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक से साथ आईसीएमआर ने विकसित किया है. एनविसा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोवैक्सीन को “वितरण और उपयोग के लिए बेहद नियंत्रित वातावरण” की शर्तों के साथ मंजूरी दी गई है. ये मंजूरी 40 लाख वैक्सीन की खुराक के लिए विशेष शर्तों के साथ दी गई है. एनविसा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक कोवैक्सीन की 40 लाख खुराक के इस्तेमाल के बाद नियामक संस्था वैक्सीन के डाटा का अध्ययन करेगी और फिर आयात के लिए अगला आदेश जारी किया जाएगा. मई के आखिर में भारत बायोटेक ने ब्राजील में कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति करने के लिए प्रमाण पत्र हासिल करने की खातिर वहां अधिकारियों को एक नया अनुरोध भेजा था. इससे पहले ब्राजील के स्वास्थ्य नियामक एनविसा ने कंपनी के संयंत्र में ‘वस्तु उत्पादन प्रणाली’ से असंतुष्ट होने पर कोविड टीकों की आपूर्ति की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. इससे एक दिन पहले वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराक के आयात की मंजूरी पाने की खातिर नया आवेदन दिया था. इससे पहले एनविसा के अधिकारियों ने पाया था कि जिस संयंत्र में टीके का उत्पादन किया जाता है, वह ‘वस्तु उत्पादन प्रणाली (जीएमपी)’ की आवश्यकताओं पर खरा नहीं उतरता है, जिसके बाद एजेंसी ने कोवैक्सीन आयात करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने 26 फरवरी को कहा था कि कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए उसने ब्राजील की सरकार के साथ एक समझौता किया है. उसने बताया था कि ये खुराकें वर्तमान वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में भेजी जाएंगी.हालांकि ब्राजील के स्वास्थ्य नियामकों ने जीएमपी मुद्दों के चलते टीकों के आयात से इनकार कर दिया. टीका निर्माता भारत बायोटेक ने कहा था कि निरीक्षण के दौरान जिन बिंदुओं को उठाया गया है, उन्हें पूरा किया जाएगा.