वरिष्ठ संपादक -सियाराम मिश्र, वाराणसी कार्यालय से ।पति की लंबी उम्र की प्रार्थना और सदा सुहागन रहने के संकल्प के साथ गुरुवार को वट सावित्री की पूजा धर्म की नगरी काशी में मनाया जा रहा है कुरौना संक्रमण से बचाव हेतु मार्क्स और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वृत्ति महिलाएं पूजन अर्चन कर रही हैंसुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ के समीप जाकर पूजन किया हालांकि कुछ ने कोरोना संगट के कारण शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए घर में ही पूजन विधान का रास्ता अपनाया जेष्ठ कृष्णा अमावस्या को मनाए जाने वाले इस व्रत में बरगद के वृक्ष का पूजन और परिक्रमा का विधान है वट वृक्ष के नीचे बैठकर महिलाओं ने विधि विधान से सत्यवान सावित्री की कथा श्रवण पर पुष्प अर्पित किया कच्चा धागा बांधकर अखंड सौभाग्य की कामना के साथ ही करोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना भी कीधर्म की नगरी काशी में जिला मुख्यालय समीप स्थित वट वृक्ष के नीचे महिलाओं ने पूजन अर्चन विधि विधान से किया 4 से 5 की संख्या में सुहागिनों के पहुंचने का तांता लगा रहा शहर से लेकर देहात तक वट सावित्री का पूजा महिलाओं ने उत्साह और उल्लास के साथ किया व्रतियों नी बाजारों से कच्चा सूत सौभाग्य की सामग्री जिसमें चूड़ी बिंदी सिंदूर कंघा अलता आज की खरीदारी भी किया इन सामग्री को पूजा के अवसर प्रदान किया.पंडित कन्हैया के अनुसार यह व्रत पूजन जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर किया जाता है मान्यता है कि वट वृक्ष में तीनों देवताओं ब्रह्मा विष्णु और महेश का वास होता है जेष्ठ मास अमावस्या के दिन माता सती सावित्री ने कठोर व्रत पूजन से अपने पति सत्यवान को यमराज से जीवनदान प्राप्त किया था।