धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-7 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को डिजिटल तरीके से संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’की वकालत की. पीएम ने कोरोना वैक्सीन के लिए पेटेंट छोड़ने को लेकर जी-7 के देशों के समर्थन का भी आग्रह किया. भारत और दक्षिण अफ्रीका ने विश्व व्यापार संगठन में कोरोना की वैक्सीन और उससे जुड़ी दवाइयों को लेकर बौद्धिक संपदा अधिकारों को हटाने का प्रस्ताव रखा है.भारत और दक्षिण अफ्रीका के अलावा अफ्रीकी समूह, एलडीसी ग्रुप, बोलीविया, मिस्र, इस्वातिनी, फिजी, इंडोनेशिया, केन्या, मालदीव, मोजाम्बिक, मंगोलिया, नामीबिया, पाकिस्तान, वेनेजुएला और जिम्बाब्वे ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. संशोधित प्रस्ताव का उद्देश्य कई महत्वपूर्ण चिकित्सा उत्पादों तक वैश्विक पहुंच बढ़ाना है. जिससे कि सभी देशों को किफायती और सुलभ उपकरणों के साथ घातक वायरस से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने में मदद मिल सके.एक नज़र पीएम मोदी के भाषण और इसके मायनों पर. सूत्रों के मुताबिक भारत चाहता है कि वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के लिए कच्चे माल की सप्लाई चेन बनी रहे. भारत को इस मुद्दे पर व्यापक समर्थन मिला है.सूत्रों ने कहा कि कोरोनो वायरस टीकों पर पेटेंट माफ करने के प्रस्ताव को लेकर ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों ने पीएम मोदी के आह्वान का कड़ा समर्थन किया है. इनका मनानाहै कि इससे वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. सूत्रों ने बताया कि ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण अपनाने के मोदी के आह्वान का जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने समर्थन किया है.प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक से समूचे विश्व के लिए ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ का संदेश जाना चाहिए.. भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता का आह्वान करते हुए, मोदी ने चुनौती से निपटने के लिए लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर जोर दिया.. प्रधानमंत्री ने संपर्क का पता लगाने और टीकों के प्रबंधन के लिए ओपन सोर्स डिजिटल प्रणाली के सफल इस्तेमाल के बारे में भी बताया. साथ ही दूसरे विकासशील देशों के साथ अपने अनुभव और विशेषज्ञता साझा करने की इच्छा प्रकट की. जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं. जी-7 की अध्यक्षता कर रहे ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया है.