सूत्रों के हवाले से /कौशलेन्द्र पाराशर की विशेष रिपोर्ट :लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान के गलत नीति और नियत के कारण लोजपा में बड़ी टूट हो गई / चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी में बड़ी टूट की खबर से 12 जनपथ अपने आप को अनभिज्ञ दिखाने का प्रयास कर रहा था. कई बार हमने 12 जनपद के फोन किया लेकिन कोई फोन नहीं उठाया / सूत्रों के अनुसार पार्टी के सांसदों ने रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को अपना नेता मान लिया है। इस खबर के बाद लोजपा में भूचाल मच गया है। सांसद चिराग पासवान से बगावत कर रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को अपना नेता मान लिया है। सिर्फ आधिकारिक घोषणा होना बाकी रह गया है। जो जानकारी है उसके अनुसार लोजपा के 6 सांसदों में 5 सांसद ने पारस को अपना नेता मान लिया है. दूसरा तरफ कल बिहार जेडीयू के सुप्रीमो आरसीपी सिंह ने स्पष्ट कहा लोजपा को माफ नहीं करेगा जेडीयू, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में लोजपा ने एनडीए से अगल होकर जेडीयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार दे दिया। बीजेपी के कई नेता लोजपा में शामिल होकर टिकट ले लिये और जेडीयू के खिलाफ मैदान में उतर गये। इस वजह से चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें मिली। इस तरह से बिहार में जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। चुनाव में मिली करारी हार के बाद जेडीयू किसी कीमत पर लोजपा को बख्शने के मूड़ में नहीं है। सीएम नीतीश से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से लेकर पार्टी के तमाम बड़े नेता चिराग पासवान को एनडीए से अलग बताया था। जेडीयू नेताओं की विरोध की वजह से ही एनडीए घटक दलों की बैठक से लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान की इंट्री पर प्रतिबंध लग गया था। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह आज भी लोजपा का नाम सुनना भी पसंद नहीं करते। आज भी जब लोजपा से संबंधित जब एक सवाल पूछा गया तो वे थोड़े असहज हो गये और कहा कि हमें दूसरे से क्या मतलब है? आरसीपी सिंह जेडीयू कार्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हम एनडीए के सम्मानित पार्ट हैं।केंद्र में एनडीए की सरकार है और जेडीयू पार्टनर है तो स्वाभाविक है कि हमारी भागीदारी होगी।