प्रिया सिन्हा /बिहार के पासवान कुनबा में राजनीतिक ड्रामा की शुरुआत हो गई है। बता दें कि दिवंगत दिग्गज नेता रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) टूट गई है। लोजपा के पांचों बागी सांसदों ने मिलकर चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है और उनके बागी चाचा जो कि पशुपति पारस पासवान हैं, उन्हें नया नेता चुन लिया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बागी चाचा पशुपति पारस को मनाने उनके घर पहुंचे चिराग पासवान को पूरे एक घंटे के इंतजार करने के बाद भी बिना मिले ही लौटना पड़ गया।
14 जून, 2021 की दोपहर 3 बजे लोजपा के पांचों बागी सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मिले और उन्हें समर्थन पत्र सौंपा, जिसमें पत्र में पार्टी ने अपना नया नेता चुनने की बात कही है।
वहीं, सोमवार सुबह चिराग पासवान अपने बागी चाचा पशुपति पारस को मनाने उनके घर जा पहुंचे थे, लेकिन भतीजे के आने से पहले ही चाचा घर से निकल गए। चाचा-भतीजे के रिश्ते में दूरियां इतनी बढ़ गईं कि चाचा पारस के घर का दरवाजा भी उनके लिए नहीं खुला। चिराग पासवान बाहर ही अपनी गाड़ी में बैठकर करीब 20 मिनट तक इंतजार करते रहे। उसके बाद घर का दरवाजा उनके लिए खोला गया। घर में एक घंटे तक इंतजार करने के बाद भी चिराग पासवान को चाचा से बिना मिले ही लौटना पड़ा।
दूसरी ओर, लोजपा में बगावत करने वाले पांच सांसदों की ओर से लोकसभा अध्यक्ष सौंपे गए समर्थन पत्र में यह साफ बताया गया है कि वह पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुनते हैं। यही नहीं, अब से पशुपति कुमार पारस लोजपा के लोकसभा संसदीय दल के नेता होंगे।
बताते चलें कि महबूब अली कैसर लोकसभा संसदीय दल के उपनेता होंगे। सूरजभान सिंह भाई और साथ ही नवादा से सांसद चंदन सिंह लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक होंगे।