प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट /तेलंगाना राष्ट्र समिति के वरिष्ठ नेता और तेलंगाना के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ई. राजेंद्र ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रिमंडल से बाहर करने के बाद राजेंद्र पिछले कुछ समय से ही मुख्यमंत्री से नाराज चले आ रहे थे, जिसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया।
बता दें कि 13 जून, 2021 को दिल्ली के भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी कृष्ण रेड्डी की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। यही नहीं, राजेंद्र के अलावा टीआरएस के कुछ और नेता भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
खबरें हैं कि टीआरएस के पूर्व मंत्री राजेंद्र ने विधायक पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिनों पहले उन्होंने पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राजेंद्र सत्तारूढ़ टीआरएस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं।
उन्होंने साफ कहा कि, ‘‘मैं सीधा अध्यक्ष को इस्तीफा पत्र देना चाहता था लेकिन मैं उनसे मिल नहीं पाया, तो इन परिस्थितियों में मुझे विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंपना पड़ा।’’
बताते चलें कि इस्तीफा देने से पहले राजेंद्र ने पत्रकारों से कहा कि उनके कई शुभचिंतकों ने उन्हें इस्तीफा द देने की सलाह दी लेकिन वह अपने निर्वाचन क्षेत्र और तेलंगाना के लोगों के आत्म सम्मान की खातिर ऐसा कर रहे हैं। राजेंद्र को उन शिकायतों के बाद पिछले महीने मंत्रिमंडल से निकाल दिया गया था कि उनके परिवार के सदस्यों के मालिकाना हक वाली कंपनियों ने राज्य में जमीनों पर कब्जा किया हुआ है।
दूसरी ओर, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि राज्य में भाजपा नागार्जुन सागर के उपचुनाव में जमानत तक नहीं बचा सकी है। वहीं हैदराबाद, रंगारेड्डी व महबूबनगर में वह एमएलसी चुनाव हार चुकी है। वहीं, नलगोंडा, वारंगल व खम्माम में स्नातकों के एमएलसी चुनाव में वह चौथे नंबर पर रही है। यदि आप इसे अच्छे संकेत मानते हैं, तो आप इसे खो चुके हैं।