प्रिया सिन्हा -चीफ सब एडिटर /बिहार में चिराग पासवान को लगा एक और झटका… दरअसल, उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पद से भी हटा दिया गया है। पशुपति कुमार पारस के समर्थक विधायकों ने इसके लिए पार्टी के संविधान का इस्तेमाल किया है… वहीं, चिराग पासवान ने इस पूरे मामले में पहली बार चुप्पी तोड़ी और चाचा पशुपति पारस के नाम लिखा पुराना खत सोशल मीडिया पर साझा किया है। पशुपति पारस के समर्थक विधायकों की मानें तो चिराग पासवान तीन पदों पर एक साथ काबिज थे। बताया तो यह भी जा रहा है कि अब पशुपति कुमार पारस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह 20 जून तक कार्यभार संभालसकते हैं। बताते चलें कि 17वीं लोकसभा में लोजपा के कुल 6 सांसद हैं, जिनमें पांच सांसदों पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज ने चिराग पासवान को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है और इसके बाद उन्होंने चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया।गौरतलब है कि पार्टी में हुई बगावत को लेकर चिराग पासवान ने पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने अपने चाचा के नाम के नाम एक भावुक ट्वीट किया है – उन्होंने लिखा कि पापा की मौत के बाद आपके व्यवहार से मैं टूट गया है… मैं, पार्टी और परिवार को साथ रखने में असफल रहा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चिराग एक पुराना पत्र भी ट्विटर पर साझा किया है व चिराग पासवान ने ट्वीट में लिखा है कि – ‘पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया, लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं। एक पुराना पत्र साझा करता हूं।’ दूसरी तरफ प्राप्त जानकारी केेे अनुसार सुरजभान सिंह को लोक जनशक्ति पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया है.